भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पदस्थ उप आयुक्तों को जनपद पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी बनाए जाने की संभावना पर नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। अफसरों ने मुख्यसचिव को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि वे सीनियर अधिकारी हैं उनकी जूनियर पदों पर क्यों पदस्थापना की जा रही है। उधर, खबर है कि विभाग के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया, उपायुक्तों की पोस्टिंग जनपदों में कराये जाने को अड़े हैं। उनके माध्यम से एक तबादला सूची सीएम समन्वय के यहां भेज भी दी गई है।
एसीएस जुलानिया ने विभाग की बागडोर संभालने के कुछ दिन बाद डिपार्टमेंट के सिस्टम को समझा था। उन्हें बताया गया था कि जनपद पंचायतों में मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बेहद कमी हैं। एक सीईओ के पास तीन-तीन जनपदों का प्रभार होने से विभागीय गतिविधियों को गति नहीं मिल रही है। जुलानिया ने तब निर्देश दिये थे कि मुख्यालय और अन्य जगह पदस्थ उप आयुक्तों को जनपदों में सीईओ बनाया जाए।
सूत्रों के अनुसार उपायुक्तों की पोस्टिंग करने संबंधी एक सूची सीएम समन्वय में भेज दी गई है। करीब 40 सीईओ के तबादले संभावित हैं इनमें लगभग 25 उपायुक्तों को जनपद पंचायतों में भेजने की तैयारी है।
पोस्टिंग करना है तो एसीईओ जिला पंचायत बनाओ
इधर, उपायुक्तों में खलबली है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी संघ मप्र ने मुख्य सचिव अंटोनी डिसा को एक ज्ञापन दिया है। संघ ने कहा है कि उपायुक्तों को जनपद पंचायत का सीईओ बनाना ठीक नहीं है। तर्क दिया गया है कि उच्च पद पर पदस्थ अधिकारियों को निचले पदों पर पदस्थ करते डिमोलाइज नहीं किया जाए। संघ ने उच्च न्यायालय के पारित एक आदेश का भी हवाला दिया है।