नई दिल्ली। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण तो देश की सेवा कर रहे हैं। इसलिए इन्हें तमाम सरकारों ने टैक्स में छूट भी दे रखीं हैं। फिर सवाल यह उठता है कि आचार्य बालकृष्ण के पास 25000 करोड़ की संपत्ति कहां से आई।
चीन की हू-रन मैगजीन ने 339 भारतीयों की लिस्ट जारी की है। इसमें प्रॉपर्टी के हिसाब से बालकृष्ण को 25वां सबसे अमीर सीईओ बताया गया है। उनकी कुल प्रॉपर्टी 25,600 करोड़ रुपए बताई गई है। मुकेश अंबानी पहली और दिलीप सांघवी दूसरी पोजीशन पर हैं। लिस्ट में पेटीएम के विजय शंकर शर्मा भी शामिल हैं। हू-रन मैगजीन की हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पतंजलि भारत का सबसे तेजी से बढ़ता एफएमजीसी ब्रांड है। वर्ष 2015-16 में भारतीय मार्कीट में इसकी ग्रोथ 150 प्रतिशत रही है।
सवाल बालकृष्ण पर ही क्यों
इस लिस्ट में भारत के 339 करोड़पतियों के नाम दर्ज हैं। फिर सवाल केवल आचार्य बालकृष्ण पर ही क्यों उठाया जा रहा है। यह इसलिए क्योंकि बाकी सब व्यापारी हैं लेकिन बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण देशभक्ति की बात करते हैं। आचार्य हैं, धर्म से जुड़े हुए हैं और धर्म को आधार बनाकर ही काम शुरू किया। ऐसी स्थिति में उत्पाद बाजार में लाना उचित है परंतु उसमें भरपूर लाभ कमाना कैसे उचित कहा जा सकता है। भारत में आचार्य/साधु/सन्यासियों से यह उम्मीद नहीं की जाती कि वो करोड़ों का फायदा कमाते हुए धर्म के नाम पर कारोबार करें। उत्पाद का लाभ आश्रम के पास जाना चाहिए था आचार्य के पास कैसे जा रहा है। यह तो छलावा हुआ ना।