
उन्होंने कहा कि संघ की विचारधारा इस देश के लिए खतरा है और इससे विचारधारा के स्तर पर लड़ने की जरूरत है। ये ‘सबका साथ सबका विकास’ एक थोथा नारा है। वे इस नारे में यकीन नहीं रखते, उनके लिए तो ये महज एक जुमला है। उन्होंने कहा कि इसलिए सांप्रदायिक सद्भाव, सदाचार के मूल आधार सहिष्णुता में विश्वास रखने वाले सभी उदारवादी व्यक्तियों को इस कैंसर के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा।
बता दें कि मप्र में मुख्यमंत्री रहते हुए दिग्विजय सिंह ने आरएसएस को समान महत्व दिया था। उन्होंने मप्र में आरएसएस के विस्तार कार्यक्रमों को कभी बाधित नहीं किया और आरएसएस की ओर से मिलने आने वाले पदाधिकारियों को भी समय दिया।