
पीएफआरडीए के अनुसार अब बैंकों को बस संभावित ग्राहकों के बचत खाता नंबर डालना होगा और एपीवाई मॉड्यूल स्वतः बैंक के मास्टर डाटा बेस से जरूरी विवरण हासिल कर लेगा। इसके बाद तुरंत ही ऐसे ग्राहक को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (प्रैन) आवंटित कर दिया जाएगा।
प्रैन मिलने के बाद अटल पेंशन योजना का कोई भी सब्सक्राइबर किसी परेशानी के बिना मासिक या तिमाही अथवा छमाही आधार पर अंशदान कर सकता है। उसके अंशदान की किस्त को सीधे बैंक के बचत खाते से काट लिया जाएगा।
एपीवाई के तहत 18 से 40 साल के सभी भारतीय नागरिक स्कीम में शामिल हो सकते हैं। अब तक अटल पेंशन योजना से 31.85 लाख सब्सक्राइबर जुड़ चुके हैं। इस स्कीम के तहत ग्राहक के अंशदान के आधार पर 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की मासिक पेंशन की गारंटी दी गई है।
पेंशन नियामक पहले ही इंटरनेट बैंकिंग के जरिये लोगों को एपीवाई से जुड़ने की अनुमति दे चुका है। भारतीय स्टेट बैंक और आइसीआइसीआइ जैसे बैंक नेट बैंकिंग के जरिये यह सुविधा दे रहे हैं। इस सुविधा का लाभ वही लोग उठा सकते हैं, जिन्होंने पहले से अपने बैंक अकाउंट के साथ इंटरनेट बैंकिंग को सक्रिय कर रखा है। ऐसे ग्राहकों को किसी तरह के कागजी फॉर्म बैंक में जमा करने की जरूरत नहीं है।