गूगल से पता किया सुसाइड का तरीका, फिर रैकी की और सुसाइड कर लिया

बेंगलुरु। फैशन डिजाइनर ईशा हांडा सुसाइड केस में नया खुलासा हुआ है। 13वीं मंजिल से करीब 1 साल पहले कूदकर जान देने वाली ईशा ने आत्महत्या क्यों की यह तो पता नहीं चल पाया लेकिन यह जरूर पता चला है कि सुसाइड से पहले उसने इस पर काफी स्टडी की। 

ईशा ने आत्महत्या करने से पहले 48 घंटे तक रिसर्च की थी कि कैसे आत्महत्या कर सकते हैं मतलब कि वो आत्महत्या करने के तरीके ढूंढ रही थी। जिसमें कूदकर जान देने, जहर खाना, ज्यादा मात्रा में नींद की गोली खाना, फांसी लगाना, डूबकर मरना, करंट लगाना, दम घोंटना, और छत से कूद कर मरना जैसे तरीके शामिल थे। ईशा ने गूगल पर इन सभी तरीकों को सर्च किया था।

फैशन डिजाइनर ईशा के मोबाइल फोन की डीटेल्स निकालीं तो पता चला कि उसने सुसाइड के लिए काफी लंबा गूगल सर्च किया है। उसने गूगल में पहले ये सर्च किया कि आत्महत्या कैसे करते हैं और फिर आत्महत्या का सबसे अच्छा तरीका क्‍या है यह भी सर्च किया था। इसके बाद जब उसे आत्महत्या करने सही तरीका पता चल गया तो उसने आत्महत्या करने की जगह की रेकी की और फिर उसके अगले दिन एक बिल्डिंग की 13वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली।

जांच में यह भी पता चला है कि ईशा ने इन सभी तरीकों से सुसाइड करने के बाद किस तरीके में जिंदा रहने के चांस कितने रहते हैं यह भी जानकारी हासिल की थी। गूगल के जरिये आत्महत्या करने का सबसे सही तरीका जानने के बाद ईशा ने रव‌िवार को करीब चार बजे शाम को एक टैक्सी बुलाई और फिर अपनी फ्लैटमेट से कहा कि वह व्यक्तिगत काम से कहीं जा रही है और फिर वह टैक्सी में बैठकर सूरजपुर रोड में ऊंची बिल्डिंग ढूंढ़ने निकल पड़ी।

ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग और उसकी पे स्लिप के जरिए पुलिस को जानकारी मिली है ईशा ने जिस बिल्डिंग से कूदकर जान दी उससे पहले उसने दो और बिल्डिंग पर चढ़ी थी लेकिन वो बिल्डिंग उसे कम ऊंची लग रही थीं तो उसने फिर तीसरी बिल्डिंग पर चढ़ी जो 13 मंजिल की थी।

बताया ता जा रहा है कि इन तीनों इमारतों को हर तरह से देखने में उसने करीब साढ़े तीन घंटे लगाया और फिर अंत में करीब 8:30 बजे शाम को शोभा क्लासिक नामकी ‌बिल्डिंग से कूदकर जान दे दी।

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