
टीवी कलाकार और लेखक शैलेष लोढ़ा जैन समाज की ओर से आयोजित दीक्षा समारोह और कवि सम्मेलन में शामिल होने के लिए गुना आए थे। शैलेष ने कहा कि गुना से बीनागंज तक की सड़क बेहद खराब है। यह जब तक ठीक नहीं हो जाती मैं आऊंगा, बार-बार आऊंगा। इसके बाद उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि यार रोड पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हैं कि कहीं मैंने इनके फोटो खींचकर नासा भेज दिए, तो वैज्ञानिक रिसर्च शुरू हो जाएगा। वैज्ञानिक कहेंगे कि यहां आदमी भी रहता है क्या?
बेटियां आंगन की फुलवारी
बेटियों को आंगन की फुलवारी बताते शैलेष ने कहा कि 'क्या लिखूं उसे वो होती है चिड़ियों की चहचहाहट की तरह या वो निश्छल खिलखिलाहट की तरह। वो होती है उदासी में हर मर्ज की दवा की तरह, या होती है उमस में शीतल हवा की तरह।' इस मौके गुना की अंजुम रहबर ने अपने अंदाज में 'है अगर प्यार तो मत छिपाया करो' सुनाया।