
कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक उन्हें मोदी मंत्रीमंडल में मंत्री बनते हुए देखने के लिए लालायित हैं। राज्यसभा ही इसका एकमात्र रास्ता है। कैलाश विजयवर्गीय भी अब अपनी विधानसभा सीट पर अपने चिरंजीव को जमाना चाहते हैं। इसके लिए वो काफी समय से प्रयास भी कर रहे हैं। बेटे का एक बार राजतिलक हो जाएग तो काफी कुछ आसान हो जाएगा।
बताया जा रहा है कि राज्यसभा के लिए कैलाश विजयर्गीय की ओर से लॉबिंग काफी पहले ही शुरू हो चुकी है। उनके 'मन की बात' विजय शाह के अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक भी पहुंच चुकी है। हालांकि इंदौर के पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोघे भी इस सीट के लिए महत्वपूर्ण नाम है परंतु कैलाश को अपने घर में भिड़ने और लड़ने का पुराना तर्जुबा है। मोघे को संघ और शिवराज सिंह का समर्थन प्राप्त है। देखते हैं नतीजा क्या आता है।