उज्जैन। मध्य प्रदेश में लड़कियों के पहनावे को लेकर 15 दिन के अंदर दूसरी बार अजीबोगरीब फरमान जारी किया गया। उज्जैन के एक जैन मंदिर में लड़कियों को जींस और स्कर्ट पहनकर आने से मना किया गया है। इस बारे में बाकायदा एक सूचना भी मंदिर के बाहर लगा दिया गया है।
उज्जैन में खाराकुआं स्थित श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी के दिगंबर समाज के मंदिर ट्रस्ट ने लड़कियों से भारतीय संस्कृति के मुताबिक कपड़े पहनकर मंदिर में आने को कहा है। इस तरह का फैसला लेने वाला यह का उज्जैन का पहला मंदिर कहा जा रहा है। यहां चातुर्मास कर रहे पन्यास विमल कीर्ति महाराज एवं गणिवर्य रत्न कीर्ति महाराज की मौजूदगी में एक मीटिंग के दौरान ट्रस्ट ने फैसला लिया।
ट्रस्ट प्रेसिडेंट महेंद्र सिरोलिया और सेक्रेटरी जयंतीलाल जैन तेलवाला ने बताया कि रोजाना पूजा-पाठ या मंदिर में आए दिन होने वाले सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में महिलाएं एवं लड़कियां जींस, स्कर्ट, टॉप, कैपरी जैसे कपड़े पहनकर आती हैं। इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। साधु मंडल ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। इस वजह से फैसला लिया गया कि मंदिर में आने वाली आठ वर्ष से ज्यादा उम्र की लड़कियों और महिलाओं से 'जिन शासन' व भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही साड़ी या सलवार सूट जैसे कपड़े पहन कर और सिर ढंक कर आने को कहा गया है।
राजस्थान के जैन मंदिरों में इस तरह के प्रतिबंध
ट्रस्ट ने फैसले की एक सूचना मंदिर परिसर में लगा भी दी है। ट्रस्ट का कहना है इस तरह का फैसला लेने वाला यह जैन मंदिर पहला मंदिर नहीं है। राजस्थान के कुछ जैन मंदिरों में इस तरह के प्रतिबंध हैं। ट्रस्ट ने बताया कि नियम उल्लंघन पर दंड का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन गलती से किसी के इस तरह कपड़े पहनकर आने पर उनसे अगली बार ऐसा नहीं करने का निवेदन किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले मध्यप्रदेश में अशोकनगर के दिगंबर जैन पंचायत ने भी ऐसा ही फैसला सुनाया था, जिसकी आलोचना हुई थी।