कड़वे प्रवचन वाले जैन मुनि विवाद में ददलानी ने सन्यास लिया

नई दिल्ली। कड़वे प्रवचन के लिए देश भर में विख्यात जैन मुनि तरुण सागर के संदर्भ में शुरू हुए विवाद का अंत म्यूझिक डायरेक्टर एवं आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारक विशाल ददलानी के सन्यास पर जाकर खत्म हुआ। विशाल ने जैन मुनि के निवस्त्र होकर विधानसभा में आने पर आपत्ति जताई थी। इसी के साथ वो पहले जैन समाज के निशाने पर आ गए थे। 

जैन मुनि तरुण सागर महाराज ने 26 अगस्त को हरियाणा विधानसभा को संबोधित किया था। अपनी परंपरा के मुताबिक तरुण सागर ने दिगम्बर स्वरूप 'बिना वस्त्र धारण किए' में ही विधानसभा में भाषण दिया। डडलानी ने इसे लेकर कुछ कंट्रोवर्शियल ट्विट्स किए जिसके बाद लोगों ने डडलानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मामला बढ़ते देख रात साढे नौ बजे ददलानी ने ट्विटर पर लिखा, ‘भूल हो गई, माफ कर दीजिए, मगर धर्म को राजनीति के साथ मत जोड़ने दीजिए। देश की खातिर।’

डडलानी की माफी के बाद भी लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ और उसे वे ट्विटर पर जाहिर भी करते रहे है। विवाद की गंभीरता को देखते हुए पहले दिल्ली सरकार में सत्येंद्र जैने ने ट्वीट करके कहा, 'मेरे साथी विशाल ददलानी की वजह से जैन समुदाय के लोगों को दुख पहुंचा है उसके लिए माफी मांगता हूं। जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज से भी मांफी।'

इसके कुछ ही मिनटों के बाद अरविंद केजरीवाल का भी ट्वीट आ गया जिसमें उन्होंने बिना नाम लिए डडलानी के ट्वीट की आलोचना की। उन्होंने कहा, '”तरुण सागरजी महाराज केवल जैनों के लिए ही नहीं बल्कि सभी के लिए बहुत पूजनीय संत हैं। जो लोग अनादर कर रहे हैं वह दुर्भाग्‍यपूर्ण है और यह रुकना चाहिए।'

केजरीवाल के इस ट्वीट को ददलानी ने रिट्वीट भी किया लेकिन कुछ देर बाद ट्विटर पर ही केजरीवाल और सतेंद्र जैन को टैग करते हुए कहा, ‘बहुत बुरा लग रहा है कि मेरे जैन साथियों और अरविंद केजरीवाल, सतेंद्र जैन को दुख पहुंचा है। मैं एक्टिव पॉलिटिक्स से खुद को अलग करता हूं।’ बता दें कि ददलानी आप के स्टार प्रचारक रहे हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी के लिए जमकर प्रचार भी किया था।

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