
हाल ही में सरकार ने विधानसभा मानसून सत्र में सिंहस्थ में हुए अतिरिक्त खर्च के लिए 300 करोड़ रुपए मांगे थे, जिसे विधानसभा ने पारित किया गया। सिंहस्थ में कराए गए कामों के लिए सरकार ने नगरीय प्रशासन एवं आवास पर्यावरण विभाग को नोडल एजेंसी बनाया है। राज्य सरकार द्वारा सिंहस्थ में 2700 करोड़ रुपए से काम कराए हैं। इसमें से 2100 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है, जबकि 2450 करोड़ खर्च हुए हैं। इस हिसाब से फायनल अकाउटिंग के लिए 300 करोड़ रुपए की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र में सिंहस्थ में हुए खर्चों को लेकर कांग्रेस ने कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद सरकार ने विभागों से फायनल अकाउटिंग करने के लिए कहा है, ताकि आगामी सत्र में विपक्ष के सिंहस्थ में हुए खर्चे का हिसाब दिया जा सके।