
उन दिनों भी मप्र की माली हालत ठीक नहीं थी। 1972 की 29 जनवरी में श्यामाचरण शुक्ल के हटने के बाद वे मुख्यमंत्री बनाए गए। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद की शादी थी। जाहिर है, मुख्यमंत्री सेठी को भी बुलावा था, सो वे सरकारी हवाई जहाज से शादी में जा पहुंचे। उनका शेड्यूल शादी में शामिल होकर शाम तक लौटने का था लेकिन कश्मीर की वादियों ने उन्हें एक दिन और रुकने के लिए मजबूर कर दिया।
तभी उन्हें ध्यान आया कि वे रात को पहनने वाला अपना पायजामा तो लाए ही नहीं हैं। फिर क्या था! उन्होंने तुरंत अपने पायलट को निर्देश दिए कि भोपाल जाओ और पायजामा लेकर आओ। पायलट के पास मुख्यमंत्री का निर्देश मानने के अलावा कोई चारा न था। सो, मप्र का सरकारी हवाईजहाज कश्मीर से भोपाल आया और पायजामा लेकर फिर कश्मीर लौटा।