ये नवाज पाकिस्तान का प्रधानमंत्री है या कश्मीर का नेता प्रतिपक्ष

उपदेश अवस्थी@लावारिस शहर। मियां नवाज शरीफ की कश्मीर सियासत अब समझ में नहीं आ रही है। ऐसा लग रहा है जैसे नवाज शरीफ पाकिस्तान का प्रधानमंत्री ना हो, जम्मू कश्मीर विधानसभा का नेताप्रतिपक्ष हो। आज नवाज ने कहा है कि कश्मीर में घायलों का इलाज नहीं हो रहा है। समझ नहीं आता हमारी कश्मीर में भी नेता हैं। वो भी आवाज उठाते हैं। उनकी भी सुनी जाती है। तो फिर मियां नवाज को क्या जरूरत पड़ गई कि अपने पाकिस्तान को छोड़ कश्मीर के छोटे छोटे मामलों में भी दखल देने लग गया। 

जो बुरवाहन वानी हमारे यहां इनामी गुंडा था, वो इनका रिश्तेदार निकला। उसने हमारे सैनिकों पर हमला किया तब तो ये चुप थे, जब हमारे सैनिकों ने जवाबी हमला किया और उस गुंडे को ढेर कर दिया तो ये छाती पीटने लग गए। ऐसा लगा जैसे हमने पाकिस्तान में घुसकर इनके परिवार वालों को मार दिया हो। 

उसके बाद बात-बात पर कश्मीर में दखल दिए जा रहा है। कल ही यूएन ने इसे लताड़ा था कि कश्मीर के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी दखल नहीं देगी। आज फिर बेशर्मों की तरह उनके दरवाजों पर पहुंच गया। कहा है 'कश्मीर में घायलों का इलाज नहीं हो रहा है, उनका अच्छा इलाज हो इसलिए अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी दवाब डाले।'

कल कहने लगेगा जम्मू-कश्मीर के शहरी इलाकों में नालियां ठीक नहीं है। दुनिया भर के देश मोदी पर दवाब डालें कि वो कश्मीर की नालियां ठीक कराए। समझ नहीं आ रहा। हमारा कश्मीर, हमारा परिवार, हमारे लोग। ये अब्दुल्ला क्यों दीवाना हुआ जा रहा है। 

कोई इसे समझाओ, ये भारत है। यहां लोकतंत्र का राज है। कोई भी नागरिक, सरकार से सवाल कर सकता है और करता भी है। हमारे यहां मीडिया आजाद है और विपक्ष भी मजबूत। पिछले 2 सालों में हमने मोदी सरकार को इतना घेरा है, जितना 60 साल में पाकिस्तान की तमाम सरकारों को वहां की मीडिया और विपक्ष ने नहीं घेरा होगा। एक भी मुद्दे पर हम सरकार को घेरने में कसर नहीं छोड़ते और अपनी सरकार की लगाम कसकर रखने के लिए हमें किसी फालतू के 'अब्दुल्ला' या दुनिया के दूसरे देशों की जरूरत नहीं है। 

इसे ये भी समझाओ कि कश्मीर के बच्चे पूरे भारत के स्कूल, कॉलेजों में पढ़ते हैं। हॉस्टल में रहते हैं, किराए के कमरे लेकर रहते हैं। किराने की दुकानों से उन्हें भी उतना ही उधार माल मिल जाता है जितना उत्तरप्रदेश या महाराष्ट्र के बच्चों को मिलता है। इसके लिए किसी नवाज शरीफ को दुनिया से अपील करने की जरूरत नहीं है कि 'कश्मीर के बच्चों को भारत में किराने की दुकान पर उधार नहीं मिल रहा, यह उनके मानवाधिकारों का हनन है। दुनिया के सारे देश दवाब बनाएं ताकि उन्हें भी उधार मिल जाया करे।'

मियां नवाज, हम आपस में काफी जूझते रहते हैं। हम जब परतें खोलते हैं तो सामने वाला प्याज बन जाता है। खुलता चला जाता है। बाकी कुछ नहीं बचता। नरेन्द्र मोदी जैसे बिना घर परिवार वाले व्यक्ति को भी हम अंबानी, अडानी के जरिए भ्रष्टाचार का आरोपी बना लेते हैं। हमारा फोकस अपनी तरफ मत ले जाओ। यदि हमने पाकिस्तान में घुसकर राजनीति करना शुरू कर दिया और यकीन मानना ना तुम बचोगे ना तुम्हारी पार्टी। सीमाओं का सम्मान करो। नहीं तो तैयार हो जाओ। हम हर स्तर पर तुम्हारा मुकाबला करने को तैयार हैं। 

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