सामान्य ज्ञान भाग 39 ( महत्वपूर्ण तथ्य )

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सामान्य ज्ञान के महत्वपूर्ण तथ्य एक नजर 
1- 17 मई 1498 ई0 को वास्कोडिगामा ने भारत के पश्चिम तट पर स्थित कालीकट बंन्दरगाह पहुॅचकर भारत एवं यूरोप के बीच नए समुद्री मार्ग की खोज की।
2-1505 ई0 में फ्रांसिस्को द अल्मेडा भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसराय बनकर आया।
3-1509 ई0 में अलफांसो द अल्बुकर्क भारत में पुर्तगालियो का वायसराय बना।
4-अल्बुकर्क ने 1510 ई0 में बीजापुर के युसुफ आदिल शाह से गोवा को जीता।
5-पुर्तगालियो ने अपनी पहली व्यापारिक कोठी कोचीन में खोली।
6-1556 ई0 में भारत आने वाला प्रथम डच नागरिक था-कारनेलिस उॅहस्तमान।
7-डचो का अंतिम रूप से पतन 1759 ई0 को अंग्रेजो एवं डचो के मध्य हुए वेदरा युद्ध से हुआ।
8-31 दिसम्बर 1600 ई0 को इंगलैंण्ड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को अधिकार पत्र प्रदान किया।
9-प्रारंम्भ में ईस्ट इंडिया कम्पनी में 217 साझीदार थे। और पहला गवर्नर टॉमन स्मिथ था।
10-मुगल दरवार में जाने वाला प्रथम अंग्रेज कैप्टन हॉकिन्स था, जो जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में 1609 ई0 जहॉगीर के दरबार में गया था।
11-1615 ई0में सम्राट् जेम्स प्रथम ने सर टॉमस रो को अपना राजदूत बनाकर मुगल सम्राट जहॉगीर के दरबार में भेजा।
12-अंग्रेजो की प्रथम व्यारिक कोठी सूरत में 1608 ई0 में खोली गई।
13-1611 ई0 में दक्षिण पूर्व समुद्र तट पर सर्वप्रथम अंग्रेजो ने मुसलीपट्टम में व्यापारिक कोठी की स्थापना की।
14-1668 ई0 में इंगलैण्ड के सम्राट् चार्ल्स द्धितीय का बिबाह पुर्तगाल की राजकुमारी केथरीन से हाने के कारण चार्ल्स को दहेज के रूप में बम्बई प्राप्त हुआ था, जिसे उन्होने दस पौंड के बार्षिक किराये पर ईस्ट इंडिया कम्पनी को दे दिया।
15-1698 ई0 में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कम्पनी ने तीन गॉव  सूतानुती,कालीघाट, एवं गोविन्दपुर,की जमीदारी 1200 रूपये भुगतान कर प्राप्त की और यहॉ पर फोर्ट विलियम का निमार्ण किया। कालान्तर में ही कलकत्ता नगर कहलाया, जिकी नीव जार्ज लॉक ने रखी थी।
15-भारत में फांसीसियो की प्रथम कोठी फैंको कैरो के द्रारा सूरत में 1668 ई0 में स्थापित की गयी।
16-1674 ई0 में फ्रांसिस मार्टिन नें पांडिचेरी की स्थापना की।
17-प्रथम कर्नाटक युद्ध1746-48 ई0में आस्ट्रिया के उत्तराधिकार युद्ध से प्रभावित था। 1748 ई0 में हुई ए-ला-शापल की संधि के द्रारा आस्ट्रिया का उत्तराधिकार युद्ध समाप्त हो गया और इसी संधि के तहत प्रथम कर्नाटक युद्ध समाप्त हुआ।
18-दूसरा कर्नाटक युद्ध 1749-1754 ई0 में हुआ इस युद्ध में फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले की हार हुई। उसे वापस बुला लिया गया। और उसकी जगह पर गोडेहू को भारत में अगला फ्रांसीसी गवर्नर बनाया गया। पांडिचेरी की संधि (जनवरी 1755 ई0) के साथ युद्ध विराम हुआ।
19-कर्नाटक का तीसरा युद्ध 1756-1763 ई0 के बीच हुआ जो 1756 ई0 में शुरू हुए सप्तवर्षीय युद्ध का ही एक अंश था। पेरिस की संधि होने पर  यह युद्ध समाप्त हुआ।
20-1760 ई0 में अंग्रेजी सेना ने सर आयरकूट के नेतृत्व में वांडिवाश की लडाई में फ्रांसीसियो को बुरी तरह हराया।
21-1761 ई0 में अंग्रेजो ने पांडिचेरी को फ्रांसीसियो से छीन लिया।
22-1763 ई0 में हुई पेरिस की संधि के द्रारा अंग्रेजो ने चन्द्रनगर को छोडकर शेष अन्य प्रदेशो को लौटा दिया। जो 1749 ई0 तक फ्रांसीसी कब्जे में थे। ये प्रदेश भारत की आजादी तक फ्रांसीसियो के कब्जे में रहे है।
23-सिक्ख सम्प्रदाय की स्थापना का श्रेय गुरू नानक (प्रथम गुरू) को है। गुरू नानक के अनुयायी ही सिक्ख कहलाए। ये बादशाह बाबर एवं हुमॉयू के समकालीन थे।
24-1496 ई0 की कार्तिक पूर्णिमा को नानक को आध्यात्मिक पुनर्जीवन का आभास हुआ।
25- गुरू नानक ने गुरू का लंगर नामक निः शुल्क सह भागी भोजनालय स्थापित किए।
26- गुरू नानक ने अनेक स्थानो पर संगत धर्मशाला और पंगत लंगर स्थापित किए।
27- संगत और पंगत ने गुरू नानक के अनुयायियो के लिये ।के लिये एक संस्था का कार्य किया जहॉ वे प्रतिदिन मिलते थे।
28-गुरू नानक की सन 1539 ई0 में करतारपुर में मृत्ये हो गयी।
29-गुरू अंगद (सन 1539-52 ई0) में सिक्खो के दूसरे गुरू थे। इनका प्रारंभिक नाम लहना था। 
30-इन्होने नानक द्रारा शुरू की गई। लंगर व्यवस्था को स्थायी बना दिया।   

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