सेना के हवाले हुआ रीवा, 15 गांव बर्बाद, 80 गांव खतरे में

भोपाल। रीवा और सतना इलाकों मं चल रही भारी बारिश ने जनजीवन तबाही की स्थिति में ला दिया है। पूरे इलाके को सेना के हवाले कर दिया है। लोग बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं। संपत्तियां बर्बाद हो गईं हैं। हजारों करोड़ का नुक्सान हो चुका है। सेना का रेस्क्यू लगातार जारी है। हालात यह है कि कई इलाकों में सड़कों पर नाव चलाई जा रही है। 

रीवा के जिलाधिकारी राहुल जैन ने बताया कि इस क्षेत्र में जारी बारिश से शहर से होकर गुजरने वाली बीहड़ नदी और त्यौंथर क्षेत्र की टमस नदी का जल स्तर काफी बढ़ा है, जिससे कई बस्तियां और गांव जलमग्न हो गए हैं। जैन के अनुसार, शहरी क्षेत्र के पांच वार्डो में बाढ़ का असर है, यहां के परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है, आठ राहत शिविरों में आठ सौ से ज्यादा लोग हैं. इन्हें भोजन, दवा आदि की व्यवस्थाएं की गई हैं।

वहीं ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 80 गांव में बाढ़ का प्रभाव है। इनमें से 15 गांव की हालत ज्यादा खराब है। इस क्षेत्र में लगभग 25 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए इलाहाबाद और जबलपुर से सेना बुलाई गई है। इसके अलावा पुलिस, होमगार्ड व एनडीआरएफ के दल राहत और बचाव कार्य में लगे हैं. ये दल नाव के जरिए प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर भेज रहे हैं।

सतना जिले में बीते तीन दिनों से बारिश का दौर जारी रहने से तीन नदियां मंदाकिनी, सिहावल, टमस खतरे के निशान को पार कर गई हैं, जिससे आवागमन बाधित हो रहा है और नाले उफान पर आ गए हैं, जिसके चलते पानी गांव व बस्तियों में भर गया है।

पुलिस अधीक्षक मिथिलेश शुक्ला ने बताया कि मैहर, चित्रकूट या यूं कहें कि लगभग पूरा जिला ही बाढ़ की चपेट में है. गांव व बस्तियों में पानी भरा गया है। इन बस्तियों में फंसे परिवारों को निकालने के लिए राहत व बचाव कार्य जारी है. पानी ज्यादा होने के कारण नाव के सहारे लोगों को निकाला जा रहा है।

शुक्ला के मुताबिक, बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर लगाए गए हैं, जहां खाने से लेकर स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध हैं. फिलहाल सेना की मदद नहीं ली गई है.

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