
इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा नम्रता डामोर का शव 7 जनवरी 2012 को उज्जैन के शिवपुरा-भेरूपुर रेलवे ट्रैक पर मिला था। उज्जैन के तीन डाक्टरों के पैनल ने उसका पोस्टमार्टम कर हत्या की आशंका जताई थी लेकिन बाद में आत्महत्या का बताकर केस का खात्मा लगा दिया था।
सीबीआई ने इस मामले में हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी और मेडिकल बोर्ड को मौत की वजह की रिपोर्ट देने को कहा था। हालांकि इसमें भी पेंच फंस गया। सूत्रों की माने तो मेडिकल बोर्ड ने भी हत्या और आत्महत्या दोनों की आशंका से इंकार नहीं किया है।
एक ट्रेन गुजर चुकी थी
जांच में सामने आया हैं कि नम्रता जिस ट्रेन से कूदी या ढकेली गई उसके बाद वो दूसरे ट्रैक पर जाकर गिरी। जहां से एक ट्रेन उसके ऊपर से भी गुजरी थी। हालांकि नम्रता जिस स्थिति में ट्रैक पर गिरी थी उससे गुजरने वाली ट्रेन से उसे कोई चोट नहीं पहुंची।
इधर मामले में उस युवती के बयान भी लिए गए है जो उस दिन नम्रता के साथ ट्रेन में थी। युवती के अनुसार नम्रता काफी परेशान थी और इधर-उधर घूम रही थी। उसने नम्रता को फोन पर बातचीत करते हुए भी सुना था। उसके अनुसार उस बातचीत के बाद वह कहां चली गई उसे भी पता नहीं था।