
शहरी विकास मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो भोपाल स्मार्ट सिटी के प्लान में बदलाब पर मंत्रालय ने यह आपत्ति उस समय उठाई, जब हाल ही में इस मुद्दे पर मंत्री और अधिकारियों के बीच चर्चा हुई। सूत्रों की मानें तो इस मामले पर मंत्रालय की साफ राय बनी, कि यदि भोपाल में ऐसा किया गया, तो देश के दूसरे शहरों से भी ऐसी मांगे उठने लगेगी। जो कि पूरे स्मार्ट सिटी प्लान के लिए खतरनाक होगी। हालांकि अधिकारिक सूत्रों की दावा है कि भोपाल स्तर से अभी भी मंत्रालय को राजी करने की कोशिशें की जा रही है। पर मंत्रालय अभी भी अपने रूख पर अड़ा हुआ है।
बता दें कि भोपाल स्मार्ट सिटी को लेकर यह विवाद उस समय खड़ा हो गया है, जब भोपाल प्रशासन ने स्मार्ट सिटी में चयन के बाद अपने प्लान को बदलने का फैसला लिया। साथ ही इसकी जानकारी शहरी विकास मंत्रालय को भेजी। हालांकि मंत्रालय का पहले से साफ मानना था, कि भोपाल का स्मार्ट सिटी में चयन उसके द्वारा सुझाए प्लान के आधार पर किया गया है। ऐसे में जब वह उस प्लान को ही बदल देगा, तो फिर वह अपनी पुरानी रैंक को कैसे बचा पाएगा।