
राज्यसेवा प्री परीक्षा में चयनित होने वाले उम्मीदवार ही मेंस में हिस्सेदारी करते हैं। पीएससी ऐसे उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के आवेदन जमा करने के लिए एक अंतिम तारीख घोषित करता है। इस तारीख पर चूकने वाले उम्मीदवार फिर आवेदन नहीं कर सकते। हर साल तारीख निकलने के बाद कई उम्मीदवार पीएससी मुख्यालय पहुंचते हैं जो किसी कारण से तय तारीख तक आवेदन जमा नहीं कर पाते हैं। प्रावधान नहीं होने से आयोग सभी को लौटा देता है।
ज्यादा फीस पर सवाल
पीएससी के सचिव मनोहर दुबे ने आयोग के सामने लेट फीस लागू करने का सुझाव दिया था। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ज्यादातर सदस्यों ने इसका विरोध किया। आपत्ति लगाई गई कि ज्यादा फीस पर आयोग पर आरोप लग सकते हैं।
सचिव के तर्कों के बाद बनी सहमति
सचिव ने तर्क दिया कि हर साल कोर्ट में मोटा खर्च कर कई उम्मीदवार ऐनवक्त पर परीक्षा में शामिल करने का आवेदन ले आते हैं। उस स्थिति में भी आयोग को उन्हें मौका देना पड़ता है। कई उम्मीदवार सही कारण होने से भी मौका चूक जाते हैं, जिससे उनका भविष्य बर्बाद हो जाता है। इस प्रावधान से उम्मीदवारों के भविष्य के अवसर बच जाएंगे। फीस ज्यादा रखना इसलिए जरूरी है, ताकि हर कोई लापरवाही में आखिरी तारीख बीतने के बाद ही आवेदन न जमा करे। आखिरकार तय किया गया कि परीक्षा के सात दिन पहले तक की फीस 25 हजार रुपए रखी जाए। इसके पहले अवधि अनुसार बढ़ते क्रम में फीस रखी जाए।