भोपाल। इसे अफसरशाही का फैलियर ही कहेंगे कि सरकार ने इंवेस्टर्स मीट बुलाकर देश के 50 बड़े अस्पतालों से करार किया परंतु आज तक एक भी अस्पताल नहीं खुला। खुलना तो दूर करार के बाद यह प्रक्रिया एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी। याद दिला दें कि उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मो. सुलेमान लम्बे समय से अपने विभाग की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को हटाने के लिए लॉबिंग कर रहे थे। मंत्री के खिलाफ अभियान में सुलेमान इस कदर डूबे कि उन्होंने विभाग के वो काम भी नहीं किए जो बहुत जरूरी थे।
2012 और 2014 में हुई इंवेस्टर्स समिट में देश-प्रदेश के 50 अस्पतालों ने करार किया था। इसमें फोर्टिस, अपोलो, रॉकलैंड, जसलोक जैसे बड़े समूह भी शामिल थे। करार के तहत अगर कोई समूह पहले से अपना अस्पताल खोल चुका है तो भी संबंधित शहर में उसे नई यूनिट खोलनी पड़ेगी। 2012 में करार करने वाले अस्पतालों ने निवेश से पहले ही मुंह मोड़ लिया।
सरकार को उम्मीद थी कि 2014 में एमओयू करने वाले निवेशक जरूर यहां अस्पताल शुरू करेंगे, पर अब तक किसी ने जमीन तक चिन्हित नहीं हुई है। याद दिला दें कि मो. सुलेमान ने 2014 में ही पदभार ग्रहण किया था और शुरूआत से ही वो अपने विभाग की मंत्री के पीछे लग गए थे। गौरतलब तो यह भी है कि एक आईएएस अधिकारी अपने ही मंत्री के खिलाफ पॉलिटिक्स कर रहा था और उसे ना तो मुख्य सचिव ने रोका ना ही मुख्यमंत्री ने।