
आजाद अध्यापक संघ के बैनर तले अध्यापकों ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर रविवार से राजधानी के यादगारे शाहजहांनी पार्क में बेमियादी धरना, आंदोलन का ऐलान किया था।
एक अधिवक्ता ने इसके खिलाफ जबलपुर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करते हुए शिक्षण कार्य पर प्रभाव होने की बात कही थी, जिस पर उच्च न्यायालय ने शनिवार को अध्यापकों की हड़ताल को अंवैधानिक करार देते हुए अध्यापकों के हड़ताल पर जाने पर सरकार को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद लोक शिक्षण संचालनालय ने भी एक आदेश जारी कर अध्यापकों को कार्रवाई की चेतावनी दी थी। उसके बावजूद पूरे प्रदेश से अध्यापक रविवार को यादगारे शाहजहांनी पार्क पहुंचे। अध्यापकों ने दिन भर धरना दिया और मंच से नेताओं ने अपनी बात कही। वहीं शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर आंदोलनकारी अध्यापकों से चर्चा भी की। अध्यापक मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग पर अड़े रहे, मगर उनकी यह मांग पूरी नहीं हुई।
प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने शाम पांच बजे के बाद अध्यापकों को आदेश दिया कि वे पार्क को खाली कर दें। इस पर दोनों पक्षों में काफी देर वाद-विवाद चलता रहा।
भोपाल उत्तर के पुलिस अधीक्षक अरविंद सक्सेना ने आईएएनएस को बताया कि, क्षेत्र में निषेधाज्ञा 144 लागू होने के चलते अध्यापकों को हिदायत दी गई कि वे पार्क खाली कर दें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी; जिस पर अध्यापक मान गए और उन्होंने देर शाम को मैदान खाली कर दिया।