वायुसेना का विमान लापता, अब तक नहीं मिला

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना का एएन 32 परिवहन विमान लापता हो गया। इसमें चालक दल के छह सदस्यों समेत 29 लोग सवार हैं। विमान चेन्नई के निकट से पोर्ट ब्लेयर के लिए रवाना हुआ था और बंगाल की खाड़ी के ऊपर से लापता हो गया। भारतीय वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल द्वारा व्यापक खोज एवं बचाव अभियान शुरू किया गया है जिसमें एक पनडुब्बी, आठ विमान और 13 पोत लगाए गए हैं। लापता विमान से इसके तंबारम हवाई ठिकाने से उड़ान भरने के 16 मिनट बाद सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर आखरी बार रेडियो संपर्क हुआ था।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज शाम कहा कि वह विमान अब भी लापता है। उसका पता लगाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं और सेवारत कर्मचारी उसमें सवार हैं। इस विमान में सवार 29 लोगों में दो पायलटों और एक नेविगेटर समेत चालक दल के छह सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा, एक अधिकारी समेत वायुसेना से 11 कर्मचारी, थलसेना से दो कर्मचारी, तटरक्षक बल से एक कर्मचारी और नौसेना से 9 कर्मचारी शामिल हैं।

भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर अनुपम बनर्जी ने कहा कि यह विमान अपनी नियमित कूरियर सेवा पर था। यह करीब 8:30 बजे तंबारम से उड़ा और इसे 11:30 बजे पोर्ट ब्लेयर पर उतरना था। रक्षा सूत्रों ने बताया कि इस विमान से जब आखिरी बार संपर्क स्थापित हुआ, उस समय यह करीब 23,000 फुट की उंचाई पर था। यह विमान दोबारा ईंधन भरे बगैर चार घंटों तक उड़ सकता है।

जहां वायुसेना ने दो एएन32 विमान के अलावा एक सी130 विमान को इस खोज अभियान में लगाया है, नौसेना ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पोर्ट ब्लेयर से दो पी8आई समुद्री निगरानी और पनडुब्बी-रोधी युद्धक विमान लगाए हैं। नौसेना ने राहत और बचाव अभियान में दो डोर्नियर विमान और 12 पोतों को लगाया है।

नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी.के. शर्मा ने कहा कि नौसेना ने खोज और बचाव अभियान के लिए बंगाल की खाड़ी में पूरी ताकत झोंक दी है। तटरक्षक बल ने दो डोर्नियर के अलावा चार पोत रवाना किए हैं।

रूस में निर्मित दो इंजन वाले एएन32 विमान को यूक्रेन में अपग्रेड किया गया था। भारतीय वायुसेना के बेड़े में 100 से अधिक एएन32 विमान हैं, लेकिन यूक्रेन में संकट के चलते इसका करोड़ डालर का अपग्रेड कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। इस बीच, तटरक्षक बल ने कहा कि उनका टोही डोर्नियर विमान उस जगह पर पहुंच गया है जहां से वायुसेना के विमान ने आखिरी बार सिग्नल भेजा था।

तटरक्षक बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारा डोर्नियर विमान उस जगह पर पहुंच गया है जहां से वायुसेना के विमान द्वारा आखिरी बार सिग्नल भेजा गया था। तटरक्षक बल ने चेन्नई से आईसीजीएस सागर और समुद्र पहरेदार और पोर्ट ब्लेयर से आईसीजीएस राजश्री और आईसीजीएस राजवीर पोत रवाना किए हैं। अन्य पोत आईसीजीएस विश्वस्थ को पोर्ट ब्लेयर पर खड़ा किया गया है।

उन्होंने कहा कि ये पोत रात तक स्थान पर पहुंच जाने चाहिए, लेकिन समुद्र में तेज लहरों से काम मुश्किल हो रहा है। इस बीच, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय आपदा त्वरित कार्रवाई बल :एनडीआरएफ: को लापता विमान को खोजने में वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल की मदद करने को कहा है। सिंह ने एनडीआरएफ प्रमुख ओपी सिंह से बात की और उन्हें खोज और बचाव अभियान में मदद सुनिश्चित करने को कहा। सूत्रों ने कहा कि एनडीआरएफ अपने चेन्नई ठिकाने से पेशेवर उपलब्ध कराएगा।

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