
मंत्री परिवार से हैं नजदीकी
शिक्षक श्रीराम तिवारी द्वारा इस बात का बखान बढ़े ही दिलेरी से किया गया कि उनका और मंत्री परिवार का घरोवा है। वित्तमंत्री के परिवार का प्रत्येक सदस्य उनकी पहचान का है और शायद इसी बात का फायदा उठाते हुए शिक्षक श्रीराम तिवारी ने शिक्षा जैसे पवित्र पेशे को किराए की भेंट चढ़ा दिया।
गावं वालों की शिकायत मंत्री के पीए ने फेंक दी कूडे़ में
ग्रामवासियों ने बताया कि शिक्षक श्रीराम तिवारी गाहे बगाहे ही शाला आते हैं। 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही श्रीराम तिवारी जी के दर्शन होते हैं। गांववासियों ने बताया कि उन्होने शिक्षक की इस आनियमितता की शिकायत वित्तमंत्री जयंत मलैया से की थी जब वे चुनाव प्रचार में ग्राम खैरूआ आए थे जिस पर ग्रामवासियों से कहा गया था कि आप शिकायत लिखकर दें। ग्रामवासियों द्वारा शिक्षक की लिखित शिकायत दी गई थी। खेरूआ ग्राम के ग्राम वसियों ने आरोप लगाया कि उनकी लिखित शिकायत बाद में रास्ते में कूढ़े के ढेर पर पड़ी मिली।
इस संबंध में श्रीराम तिवारी ने भी कहा कि ग्रामवासियों ने शिकायत तो की थी परंतु वित्तमंत्री कीे पीए ने वह शिकायत रास्ते में ही फेंक दी वहीं वित्तमंत्री के पीए ने कहा कि संबंधित शिक्षक झूठ बोल रहा है जो शिकायतें दी जाती हैं उन पर कार्यवाही होती है।
शिक्षक अनुपस्थित और लग गई हाजरी
शिक्षक श्रीराम तिवारी शिक्षा देने से ज्यादा राजनीति करने में विश्वास करते हैं। दिनांक 23/7/16 को शिक्षक सहकारी बैंक में आयोजित फसल बीमा कार्यक्रम में नजर आए वहीं शाला में फोन लगाने पर सहयोगी शिक्षक श्रीराम पटैल ने कहा कि वो शाला में ही हैं। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करते ये दोनों शिक्षक चोर चोर मौसेरे भाई की तरह शाला का संचालन कर रहे हैं।
जिम्मेदारों को नहीं परवाह
जिले में किराए के भरासे चल रही शिक्षा व्यवस्था पर जब जिम्मेदारों से पूछा गया तो जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पीपी सिंह ने उल्टे सवाल पूछते हुए कहा कि कहां हो रहा है यह आप बताइए। सवाल यह है कि डीईओ स्कूलों की निगरानी कर भी पा रहे हैं या नहीं।