
इसके तहत 5 लाख रुपए एडवांस लिए गए लंबा अर्सा गुजरने के बावजूद फ्लैट की नींव तक नहीं नजर आने पर ऐतराज जाहिर किया गया इस पर तरह-तरह की बहानेबाजी की जाने लगी जिससे तंग आकर लीगल नोटिस के बाद फोरम की शरण ले ली गई यहां बताया गया कि 5 लाख एडवांस के बाद शेष राशि रजिस्ट्री के उपरांत 14 किश्तों में अदा की जानी थी चूंकि फ्लैट ही नदारद है अत: रजिस्ट्री भी नहीं हुई जिला फोरम ने मामले को गंभीरता से लेकर 11 सितम्बर 2014 को आदेश सुनाया।
बिल्डर मंछानी ने राशि भुगतान न करते हुए पहले स्टेट फोरम में अपील की फिर नेशनल फोरम तक गया उसे जिला फोरम की तरह अन्य दोनों फोरम में भी झटका लगा इसके बाद 8 लाख रुपए तो भुगतान कर दिए लेकिन शेष राशि अब तक भुगतान नहीं की गई इसीलिए उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत कर दी जिस पर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया 22 अगस्त तक पुलिस को हाजिर करने कहा गया है।