
यह था मामला...
19 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिव विवेक अग्रवाल ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के पत्र (15 दिसंबर, 2015) को आगे की कार्यवाही के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को लिखा था। इस पर 22 जून, 2016 को अवर सचिव स्कूल शिक्षा विभाग कलावती उईके ने प्रदेशभर के कलेक्टरों और जिला शिक्षाधिकारियों को श्रीमती गांधी की सिफारिश पर अमल करने के आदेश दिए थे। भोपाल समाचार डॉट कॉम ने यह मामला प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मामला सामने आने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया था।
यह परोसे जाने के आदेश हुए थे
अण्डा, रोटी, पराठा, मौसमी सब्जियां, चावल, दाल, पुलाव, काले चना वाला हलवा, मीठी-नमकीन दलिया, सफेद चना, राजमा, कड़ी, आटे का उपमा, खिचड़ी, टमाटर, इडली-बड़ा सांभर, खीर, दूध, दही, लस्सी, नारियल पानी, शिकंजी तथा जलजीरा।
इन पर लगाई थी रोक
चिप्स, फ्राईड फूड्स, शर्बत, बर्फ का गोला, कार्बोनाईज्ड कोल्ड ड्रिंक्स, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, पेड़ा, कलांकद, नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, टिक्का, चुईंगम, कैंडीज, जलेबी, इमरती, बुंदी, प्लेन एण्ड डार्क चाकलेट्स, कन्फेक्शनरी, केक्स एण्ड बिस्कुट्स, बन एण्ड पेस्ट्रीज, जेम एण्ड जेली।