
रामपुर के आरटीआई कार्यकर्ता दानिश खां ने पिछले साल केंद्रीय गृह मंत्रालय से सूचना के अधिकार कानून के तहत सूचनाएं मांगी थीं। इसके तहत पूछा गया था कि देश आजाद होने के बाद 1947 से लेकर अब तक कितने घोटाले हुए हैं। किस प्रांत के किस नेता पर भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज किए गए हैं। भ्रष्टाचार में फंसे नेताओं की सूची के साथ ही घोटालों की भी सूची मांगी गई थी।
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एवं अपीलीय अधिकारी सत्यपाल चौहान ने साल भर बाद जो जवाब भेजा है वह चौंकाने वाला है। गृह मंत्रालय ने घोटाले की जानकारी न होने की बात कही है। कहा कि इस तरह का कोई रिकार्ड विभागवार गृह मंत्रालय के पास उपलब्ध नहीं है। जिसकी वजह से कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा सकती।
आरटीआई के तहत यह किया था सवाल
1947 के बाद से अब तक देश में कितने घोटाले हुए। घोटालों के नाम और कितने का हुआ घोटाला।
1947 के बाद से अब तक देश में किस-किस नेता पर भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज हैं। भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं की सूची व क्या हुई कार्रवाई।
इन सवालों को जो जवाब आया उसमें कहा गया कि गृह मंत्रालय या फिर उसके किसी भी विभाग द्वारा इस तरह की कोई सूचना उपलब्ध कराने का कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। आवेदक को कोई भी सूचना उपलब्ध कराने में मंत्रालय असमर्थ है।