ग्वालियर। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने साइंस कॉलेज प्रबंधन के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके तहत कॉलेज में काम कर रहे 18 अतिथि शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं। कॉलेज ने समय से पहले ही उन्हें हटा दिया था।
रामवीर सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में बताया गया कि अतिथि शिक्षकों का कार्यकाल 11 महीने होता है लेकिन साइंस कॉलेज के प्राचार्य ने गलत तरीके से कार्रवाई की है। दो महीने पहले ही अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी, जिससे उनकी रोजी पर संकट हो गया है। कोर्ट ने कॉलेज के इस आदेश पर रोक लगा दी और आगामी आदेश तक कॉलेज में शिक्षण कार्य करने की अनुमति दी है।
मप्र के स्कूल एवं कॉलेजों में अतिथि शिक्षकों का शोषण लगातार जारी है। कर्मचारियों के हर वर्ग से चर्चा करने वाली शिवराज सरकार ने इस वर्ग के साथ कभी चर्चा भी नहीं की। कई स्कूल, कॉलेजों में तो अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन करने वालों को नियमित शिक्षक या प्रोफेसर्स प्राइवेट जॉब पर ले लेते हैं और अपनी जगह पढ़ाने भेज देते हैं।