
श्री मिश्रा ने कहा कि दोनों संस्थान मप्र शासन के अधीन हैं और मप्र शासन ने ईद के दिन पूरे राज्य में शासकीय अवकाश घोषित किया है, के बावजूद भी उक्त दोनों संस्थानों ने कार्यालय खोलकर अक्षम्य अपराध किया है।
श्री मिश्रा ने कहा कि यह बात अलग है कि उक्त दोनों संस्थान अपने इस घृणित चरित्र और सोच के माध्यम से किसे खुश करना चाहते थे, किन्तु इससे यह सच्चाई उभरकर जरूर सामने आ गई है कि राजधानी भोपाल में गंगा-जमुनी तहजीब और उसके उच्च मानदंडों को ऐसी नापाक हरकतें बौना नहीं कर पायेंगी।