Apollo Hospital: बिना बीमारी कर दी एंजियोप्लास्टी, 4 लाख का जुर्माना

दुर्ग। 'केप्टिव पेशेंट' शायद आपने कभी ना सुना हो परंतु मेडिकल की दुनिया में यह बहुत चर्चित शब्द हैं। इसका अर्थ होता है, चंगुल में फंसा मरीज। डॉक्टर्स उसे जमकर लूटते हैं। हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में कार्यरत डॉ.पीसी रथ ने भी ऐसे ही एक मरीज को जमकर लूटा। उसे हृदय संबंधी कोई बीमारी ही नहीं थी, फिर भी जबरन उसकी एंजियोप्लास्टी कर डाली। अब कन्ज्यूमर फोरम ने अपोलो अस्पताल के कार्डियोलाॅजिस्ट, महाप्रबंधक, संचालक और डॉयरेक्टर के खिलाफ फैसला सुनाते हुए 4 लाख रुपए हर्जाना देने कहा है। 

यहां फंसाया गया चंगुल में 
प्रकरण के मुताबिक सिंधिया नगर दुर्ग निवासी एसी वर्मा (66) को मार्च 2007 में थायराइड की समस्या हुई। इसके बाद प्रार्थी भिलाई स्थित जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल में उपचार के लिए गया था। भिलाई अस्पताल के डॉ. गोवर्धन ने प्रार्थी को ईको टेस्ट कराने की सलाह दी। 5 मार्च 2007 को उक्त अस्पताल में कार्यरत डॉ. एके सक्सेना द्वारा प्रार्थी की चिकित्सीय बीमा की जानकारी ली गई। डॉक्टर ने प्रार्थी को हृदय संबंधी बीमारी होने की बात करते हुए हैदराबाद स्थित अपोलो अस्पताल जाकर डॉ. पीसी रथ से संपर्क करने की सलाह दी। प्रार्थी भयभीत होकर 22 मार्च 2007 को मार्डन मेडिकल इंस्टीट्यूट रायपुर जाकर डॉ. शैलेश वर्मा से परामर्श लिया तो उनके द्वारा हृदय संबंधी सामान्य समस्या होने की बात कही गई लेकिन उसके बाद भी प्रार्थी ने अपोलो अस्पताल जाकर उपचार कराना जरूरी समझा। 

मरीज और परिजनों के दिल में दहशत जमाई 
अपोलो के डॉ.पीसी रथ द्वारा अस्पताल में प्रार्थी के बीमा होने की जानकारी ली गई। इसके बाद डॉ. द्वारा एंजियोग्राफी कराने की बात कही गई। पार्थी ने जब एंजियोग्राफी की जांच कराई तो डॉ. ने एंजियोग्राफी की रिपोर्ट देखकर ऑपरेशन थिएटर में प्रार्थी को तत्काल एंजियोप्लास्टी कराने की सलाह दी। जबकि प्रार्थी को हार्ट संबंधी किसी प्रकार की समस्या नहीं है, इस प्रकार की जानकारी प्रार्थी ने डॉ. को देते हुए आपरेशन कराने से इंकार कर दिया तो डॉ. ने प्रार्थी को बताया कि तुम्हारे हृदय में 90 प्रतिशत ब्लोकेज हो गया है। इसके कारण कभी भी हार्टअटैक आ सकता है, मौत हो सकती है। इसलिए एंजियोप्लास्टी कराने की सलाह दी गई है। इस तरह डॉक्टर ने मरीज व परिजनों के दिलों में दहशत जमाई और तत्काल आॅपरेशन के लिए दवाब बनाया। 

डॉक्टर पर भरोसा करके आॅपरेशन कराया
डॉक्टर की बात सुनकर प्रार्थी और उसकी पत्नी भयभीत हो गए इसके बाद हैदराबाद अपोलो के महाप्रबंधक संचालक और डॉयरेक्टर द्वारा प्रार्थी के हृदय धमनियों में स्टेंट फिट कर दिया और प्रार्थी से कुल तीन लाख 33 हजार 424 रुपए वसूल किया गया। बीमा कंपनी द्वारा बाद में प्रार्थी को चिकित्सीय बीमा राशि 2 लाख 50 हजार रुपए का भुगतान किया गया। प्रार्थी का कुल चिकित्सकीय खर्च 83 हजार 424 रुपए और दवाई का 9 हजार 386 रुपए स्वयं खर्च किया। 

शंका तो कराई जांच 
डॉ. पीसी रथ द्वारा बिना कोई गंभीर समस्या हुए एंजियोग्राफी के तत्काल बाद एंजियोप्लास्टी करवाने के दबाव देने से प्रार्थी के मन में शंका हुई तो उसने कुछ दिन बाद अन्य डॉक्टरों को चिकित्सकीय आपरेशन संबंधी वीडियो सीडी को दिखाया। डॉक्टरों ने प्रार्थी को बताया कि सीडी में आए विवरण डॉ. द्वारा दिए गए विवरण में मेल नही खा रहे हैं। सीडी की जांच से स्पष्ट हो रहा है कि प्रार्थी के हृदय में 90 प्रतिशत ब्लाकेज नहीं है। डॉ. द्वारा महज रकम उगाही के लिए सामान्य समस्या को अत्यंत गंभीर रूप देकर डरा कर उसका ऑपरेशन किया गया। 

फोरम ने सुनाया फैसला 
जिला उपभोक्ता फोरम की अध्यक्ष मैत्रेयी माथुर और सदस्य राजेन्द्र पाथ्ये ने हैदराबाद अपोलो के डॉक्टर तथा प्रबंधक, संचालक को इलाज में खर्च हुए 92 हजार 810 रुपए भुगतान दिनांक से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज तथा शारीरिक कष्ट के लिए दो लाख, मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए एक लाख तथा वाद व्यय के रूप में दस हजार रुपए देने का निर्देश दिया है। 

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