
सभी प्रमुख वक्ताओ ने मोबाइल, सिम, डाटा पैक, नेटवर्क, चार्जिंग व्यवस्था एवं मेंटिनेंस की व्यवस्था नियोक्ता सरकार करें। विभाग जैसा चाहें वैसी उपस्थिति लें मगर उपस्थिति का व्यय भार अल्प वेतन भोगी अध्यापक संवर्ग कर्मचारी पर नहीं पड़ना चाहिए। यही कर्मचारी कल्याण की नीति है। जिला अध्यापक प्रमुख एसपी त्यागी ने कहा "हम ई अटेंडेंस /एम शिक्षा मित्र का बिल्कुल विरोध नही करते हैं। न ही हम कामचोर और बेईमान है। विरोध मात्र इस बात का है कि सभी विभाग के कर्मचारियो को लागू न कर केवल शिक्षको पर थोपना गुरू का दर्जा प्राप्त रखने वाले अमले के साथ घोर अपमान का प्रतीक है।
"अतः हमारी संसाधन उपलब्ध कराने की मांग पूरी करनी चाहिए क्योंकि उपस्थिति के लिए संसाधन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नियोक्ता की होती है कर्मचारियों की नहीं और एसपी सोनी का कहना था जब तक सरकार संसाधन उपलब्ध नहीं कराती हमें बाध्य नहीं कर सकती और यदि फिर भी बाध्य करती है तो न्यायालय का मार्ग खुला है जिसे अपनाने मे हमे देर नही करनी है।
न्यायालय में हमें ई अटेंडेंस /एम शिक्षा मित्र का उपयोग करने हेतु संसाधन उपलब्ध कराने की मांग का पक्ष रखना चाहिए साथ ही यह भी कि बिना संसाधन उपलब्ध कराए हमें बाध्य ना किया जाय स्वेच्छिक रखा जाए। अध्यापको ने कहा कि न्यायालय मे वाद का आधार संसाधन उपलब्ध कराना और सभी विभागो और कर्मचारियो पर लागू करना होगा।