जम्मू में भारी बारिश, 4 मौतें, बाढ़ के हालात

जम्मू। बारिश, बाढ़ और आसमानी बिजली बुधवार को कहर बनकर टूटी और जम्मू संभाग में भारी तबाही मचाते हुए चार जिंदगियां निगल गई। जम्मू के जानीपुर में दो स्कूली छात्राओं की बरसाती नाली में बहने से मौत हो गई, जबकि राजौरी में महिला की मकान ढहने और पुंछ की मेंढर तहसील में नदी में बहने से एक अज्ञात महिला की जान चली गई। वहीं, बिश्नाह में आसमानी बिजली गिरने से एक व्यक्ति गंभीर रूप से झुलस गया।

जम्मू-श्रीनगर हाईवे भारी भूस्खलन से बंद हो गया है, जिससे हजारों वाहन जगह-जगह फंस गए हैं। वहीं, कुछ देर के लिए कटड़ा-जम्मू मार्ग भी बंद रहा। राजौरी, मेंढर, जम्मू, कठुआ, ऊधमपुर, डोडा जिलों में सैकड़ों मकानों के गिरने की सूचना है। बसोहली में पीडीडी का भवन ढह गया है। बिजली ढांचा भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है। कई जिलों में सड़कें बह गई हैं और लिंक मार्ग बंद हैं। उधर, श्रीनगर में भी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।

टूटा रिकॉर्ड : 
जम्मू में बुधवार को जनजीवन को अस्तव्यस्त करने वाली बारिश ने पिछले 30 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। पिछले 24 घंटों में 172.7 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। इससे पहले सात जुलाई 1986 को 172.6 एमएम बारिश हुई थी। जुलाई महीने की सामान्य बारिश 323.0 एमएम है। इस बारिश के बाद जुलाई में अभी तक 236 एमएम बारिश हो चुकी है।

नदी-नाले उफनाए
जम्मू में तवी, सांबा में बसंतर नदी खतरे के निशान के पास बह रही है। बिलावर का नाज नाला, बनी का सेवा दरिया, हीरानगर का नरनाह नाला उफान पर है। वहीं रियासी व अखनूर में दरिया चिनाब का जलस्तर बढ़ा हुआ है। इसके अलावा राजौरी में अगली नदी भी उफान पर है।

अमरनाथ यात्रा रुकी 
भारी बारिश के चलते श्री अमरनाथ यात्रा को बुधवार को दोनों आधार शिविरों बालटाल व पहलगाम से पवित्र गुफा की ओर रवाना नहीं किया गया। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें रोक दिया गया। इससे पहले जम्मू से 540 श्रद्धालुओं का जत्था यात्रा पर रवाना हुआ था। 

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