
राज्य अध्यापक संघ ब्लाक सिवनी के कार्यकारी अध्यक्ष गजेन्द्र बघेल ने बताया की 1998 से अल्प वेतन में काम करने वाले शिक्षाकर्मियों के लिए सरकार ने 2007 में अध्यापक संवर्ग का गठन तो कर दिया मगर आज तक उनको शिक्षको का दर्जा नहीं मिल पाया है अध्यापक आज भी शिक्षा विभाग में संविलयन के लिए आंदोलनरत है। शासन के द्वारा लगातार उनके साथ दोयम दर्जे का व्यव्हार किया जा रहा है। छटवें वेतनमान के नाम पर विषंगति पूर्ण गणना पत्रक जारी किया जाता है जो की शिक्षा विभाग के अधिकारियों की घोर लापरवाही को उजागर करता है। 18 वर्षो की सेवा के बाद भी अध्यापक संवर्ग के लिये ट्रांसफर की नीति नहीं बनाई गई है।मध्यप्रदेश शासन ने पशु पक्षियों से लेकर मजदूरो, वृद्धों तक बीमा कर दिया है परन्तु अध्यापक का आज तक बीमा नहीं कराया गया है।
सरकार के द्वारा 2011 से अध्यापक संवर्ग के लिए अंशदायी पेंशन का प्रावधान किया गया है परंतु उसका कोई विधिवत लेखा जोखा संधारित नहीं हो रहा है ,पिछले 18 महीनों से सरकार ने अंशदान की राशि खातों में जमा नहीं कराइ है। जिससे अधयपकों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है और भविष्य में इस योजना में बड़े घोटाले की सम्भावना लग रही है !सरकार आज तक वरिष्ठ अध्यापकों की पदोन्नति नहीं कर पाई है।
पिछले तीन सालों से राज्य शिक्षा सेवा का गठन अधर में लटका हुआ है। अध्यापकों का दमन करने के लिए शासन के द्वारा बिना किसी सहमति के ई-अटेंडेन्स लगाने हेतु दबाब बनाया जा रहा है जो की अंग्रेजी शासन की याद दिलाता है।
सरकार के उपेक्षा पूर्ण रवैये से अध्यापक जगत अत्यधिक नाराज है और अपनी मांगो को मनवाने के लिए 25 जुलाई को भोपाल में जंगी प्रदर्शन करने का मन बना चुका है। जिला अध्यक्ष विपनेश जैन इस सम्बन्ध में बताया की सिवनी जिले से हजारों की संख्या अध्यापक विभिन्न साधनों से भोपाल के लिए कूच करेंगे।