
डेढ़ वर्ष पहले फरियादी सत्यभान ने डीलर आशुतोष और मुकेश कटारे से ट्रैक्टर ख़रीदा था। आरोप है कि डीलर ने फरियादी को पुराने ट्रैक्टर के इंजन और चैसिस नंबर में हेराफरी कर उसे नया बताकर बेच दिया था। आरटीओ एसपीएस चौहान ने पुराने ट्रैक्टर को नया दर्ज कर दूसरी बार रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर दिया। इसके कारण यह पता ही नहीं चल पाया कि ट्रैक्टर पुराना है। इस तरह आरटीओ भी इस फ्रॉड में डीलर के साथ शामिल हो गया।
सत्यभान को जब इस बात का पता चला तो उसने डीलर के पास जाकर शिकायत की। आरोप है कि डीलर के कहने पर सत्यभान ने ट्रैक्टर और कागजात वापस कर दिए, लेकिन डीलरों ने उसे ट्रैक्टर में एवज में दी गई राशि नहीं लौटाई। सत्यभान ने इस बारे में स्थानीय पुलिस थाने पर शिकायत की थी, लेकिन वहां मामला दर्ज नहीं होने पर उसने अदालत की शरण ली थी।