भोपाल। भारत में निर्धन महिलाओं के लिए शुरू की गई मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन वाली 'उज्ज्वला योजना' में मुफ्त कुछ नहीं है। यह एक मार्केटिंग प्लान है। कई कंपनियां दूसरे उत्पादों में ऐसी योजनाएं ला चुकीं हैं, पहली बार सरकार 'मार्केटिंग प्लान' पर काम कर रही है। इस योजना के तहत गरीबों को 1600 रुपए या इससे अधिक अदा करने होंगे। यदि वो नगद अदा नहीं करते तो उनको सब्सिडी नहीं दी जाएगी और सब्सिडी का पैसा किस्त के रूप में जमा कर लिया जाएगा। तात्पर्य यह कि मुफ्त के नाम पर भीड़ जुटा ली, अब चुपके से जेब काट ली जाएगी।
जानकारी के अनुसार मुफ्त गैस कनेक्शन लेने के लिए लोगों को परेशान होना पड़ सकता है। बीपीएल कार्डधारियों को कनेक्शन पर 1600 रुपए प्रति कनेक्शन चुकाने होंगे। जो उपभोक्ता कनेक्शन हेतु ऋण लेंगे उनके खाते में सब्सिडी तब तक नहीं आएगी जब तक कि उस कनेक्शन की कीमत 1600 रुपए पूरे नहीं हो जाते। गरीबी रेखा के नीचे आने वाली महिलाओं के नाम पर यह गैस कनेक्शन दिए जाएंगे। उज्ज्वला योजना से कनेक्शन पाने के लिए लोगों को एजेंसियों के चक्कर लगाना होंगे। अभी यह भी तय नहीं है कि, उन्हें कनेक्शन मिल ही जाएं।
सूत्रों के मुताबिक पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस योजना के लाभार्थियों के लिए बीपीएल की लिस्ट की जगह वर्ष 2011 की जनसंख्या के आंकड़ों को आधार बनाया है। जिसमें से उनका चयन किया जाएगा। शहर में संचालित गैस एजेंसी संचालकों का कहना कि महिला उपभोक्ता को लोन के रूप में दिए जा रहे गैस कनेक्शन एक तरह से मुफ्त जैसा ही है। क्योंकि चूल्हे और रीफिल की कीमत लगभग इतनी ही हो जाती है। उन्होंने बताया कि, अभी इसकी कीमत एकदम तय नहीं है, लेकिन यह 1600 से 1675 रुपए के मध्य होगा।