
चीन से वापस लौटे अरुण जेटली की सबसे पहली कोशिश ये जताने की होगी कि सुब्रमण्यम स्वामी के हमले का ना ही उनसे और ना ही उनके मंत्रालय से कोई लेना-देना है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, सुब्रमण्यम स्वामी पार्टी के सदस्य हैं और ट्विटर के माध्यम से लगातार धमकी देने के चलते चलते उनके खिलाफ आवाज उठ सकती है।
पिछले गुरूवार को जब स्वामी ने दास का नाम अपने ट्वीट में लिया उसके बाद जेटली ने भी उसकी प्रतिक्रिया में ट्विटर पर जवाब देते हुए कहा, 'वित्त मंत्रालय के एक अनुशासित नौकरशाह पर ये झूठे और गलत हमले हैं।'
जिस वक्त अरुण जेटली ने अरविंद सुब्रमण्यम का पक्ष लेते हुए उनका बचाव किया था उसके बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने सीधा हमला बोलते हुए कहा- 'जेटली जी क्या बोले, क्या नहीं बोले इससे मुझे क्या लेना देना। मैं जब भी आवश्यकता होगी सीधे प्रधानमंत्री और पार्टी के अध्यक्ष से बात करूंगा।'
सुब्रमण्यम स्वामी के दिए विवादास्पद बयान से पार्टी के किनारा करने के बाद स्वामी ने चीन गए अरुण जेटली पर बड़ी अजीब टिप्पण की। उन्होंने कहा, 'भाजपा को अपने मंत्रियों को यह निर्देश देना चाहिए कि जब भी वह बाहर जाएं केवल पारंपरिक और आधुनिक भारतीय कपड़े ही पहने क्योंकि कोट और टाय पहनकर वे बिल्कुल वेटर की तरह दिखते हैं।' हालांकि, बाद में स्वामी ने अपनी बातों पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया बल्कि मीडिया ने जेटली का नाम लिया है।