मप्र के डेढ़ लाख स्टूडेंट्स को जुलाई में मिलेंगे फ्री स्मार्टफोन


विकास कुमार जैन/भोपाल। आखिरकार सरकार 3 साल बाद स्टूडेंट्स को मोबाइल देने की घोषणा पूरी करने जा रही है।  इस पर प्रदेश के लाखों स्टूडेंट्स की निगाहें लगी है। अब अगले माह जुलाई में एडमिशन प्रक्रिया निपटते ही लावा कंपनी का मोबाइल स्टूडेंट्स को मिलेगा।


सबसे पहले 2014-15: 
इस सत्र में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स का इस साल फाइनल सेमेस्टर होगा, इसलिए सरकार कॉलेज छोड़ने से पहले इन्हें मोबाइल देना चाहती है। सबसे पहले इसी सत्र के स्टूडेंट्स को मोबाइल मिलेगा।

दूसरे क्रम पर 2016-17: 
इस सत्र में छात्र अभी एडमिशन ले रहे हैं। सरकार चाहती है कि कॉलेज पहुंचने वाले नए-नए स्टूडेंट्स को इस साल मोबाइल उपलब्ध कराया जाए ताकि इनमें उत्साह बढ़े, लेकिन इनको यह इनकी 75 फीसदी उपस्थिति के बाद ही मिलेगा।

तीसरे क्रम पर 2015-16: 
इस सत्र में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को कॉलेज में अभी काफी समय रहना है, इसलिए सरकार इन्हें बाद में यानि अगले साल तक मोबाइल मुहैया कराएगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगले माह औपचारिक रूप से एक कार्यक्रम में स्टूडेंट्स को मोबाइल सौंपेंगे। विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। उधर आईटी विभाग भी मोबाइल खरीदने के लिए तैयार है। जैसी ही कॉलेजों से स्टूडेंट्स की उपस्थिति रिपोर्ट जाएगी मोबाइल खरीदी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

मिलेनियम पर हुआ था विवाद
आईटी विभाग ने पूर्व में मिलेनियम अटोनोमेशन कंपनी का मोबाइल देने का इंतजाम किया था। राज्यमंत्री दीपक जोशी ने कंपनी का ब्लैक लिस्टेट होने का प्रकरण उजागर किया था। इसके चलते आईटी विभाग को दोबारा से मोबाइल खरीदी की प्रक्रिया को अंजाम देना पड़ा। मोबाइल की बाजार कीमत करीब 3 हजार रुपए बताई जा रही है।

मोबाइल में विभाग की खूबियां
विद्यार्थियों को मिलने वाले मोबाइल में उच्च शिक्षा विभाग के एप का लाभ मिलेगा। इसमें विद्यार्थियों को प्रवेश के साथ पाठ्यक्रम के साथ अन्य जानकारी के एप्प मिल सकेंगे। मोबाइल के आवंटन होने तक विभाग अन्य ई लाइब्रेरी, रैगिंग और फीस भुगतान संबंधी जानकारी भी मोबाइल में उपलब्ध कराने की व्यवस्था में लगा हुआ है।

2 साल में सामने आते रहे बहाने
सरकारी कॉलेजों के प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने के वाले हरेक विद्यार्थी को मोबाइल दिया जाएगा। ये घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव के दौरान कही थी। मोबाइल का आवंटन दो साल बाद तक नहीं हो पाया है। विभाग ने विद्यार्थियों की 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य की। लोकसभा चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव के चलते मोबाइल का आवंटन रोक दिया गया। पिछले सत्र में प्रवेश के दौरान ये कहकर कार्यक्रम टाल दिया गया कि मोबाइल आवंटित करने वाली कंपनी ब्लैक लिस्टेड है।

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