
प्याज की खरीदी कर रहे मार्कफेड का तर्क है कि बारिश शुरू हो जाने के कारण सड़ी हुई प्याज आ रही है और इस प्याज को खरीदने से पहले खरीदी गयी प्याज के सड़ने का खतरा मंडराने लगा है। इसलिए मार्कफेड ने आज से ही प्याज खरीदना बंद कर दिया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के उचित दाम नहीं मिलने के कारण प्रदेश भर के प्याज उत्पादक किसान सड़कों पर उतर आए थे और प्याज को सड़कों पर फेंककर विरोध जता रहे थे। इन हालातों में सीएम शिवराज सिंह ने प्याज उत्पादक किसानों का प्याज खरीदने का ऐलान किया था और 4 जून से प्रदेश भर में 71 प्याज खरीदी केंद्र बनाकर प्याज खरीदने का सिलसिला शुरू हुआ था।
शिवराज सरकार ने तय किया था कि प्याज खरीदी 30 जून तक जारी रखी जाएगी और किसानों की प्याज सरकार खरीदकर भंडारण करेगी। अब तक सरकार के कहने पर मार्कफेड ने 8 लाख 20 हजार क्विटंल प्याज किसानों से 6 रुपये की दर से खरीदी है। लेकिन सरकार के पास अब जहां भंडारण की समस्या खड़ी हो गयी है वहीं बारिश शुरू हो जाने के कारण प्याज सड़ने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में सरकार ने तय तिथि के आठ दिन पहले से ही प्याज खरीदी बंद कर दी है।
सरकार के इस फैसले से अब किसान नाराज हो गये हैं। इस मामले में सियासत भी तेज हो गयी है। कांग्रेस नेता अवनीश भार्गव कहते हैं कि एक तरफ तो सरकार किसानों से प्याज खरीदने में कई शर्तें लगाकर किसानों को वैसे भी परेशान कर रही थी और दूसरी तरफ तय समय से पहले सरकार ने जो प्याज खरीदी बंद करने का फैसला लिया है वह किसानों के लिए संकट का कारण बन सकता है। किसानों को पता था कि प्याज खरीदी 30 जून तक होगी और सरकार की शर्तों को पूरा करने के लिए किसान प्याज तैयार कर रहे थे, लेकिन बीच में ही सरकार ने प्याज खरीदी बंद कर किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। अब किसानों के पास व्यापारियों और बिचौलियों से ठगे जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।