
जांच रिपोर्ट में बताया गया कि उसके कैंसर (स्क्वैमस सेल कैंसर) है और जल्दी ही इसका इलाज करना पड़ेगा। कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनते ही वैसे ही मरीजों और परिजनों के होश उड़ जाते हैं। डॉक्टरों ने कहा की एक लाख रूपए जमा करवा दो। छोटा सा ऑपरेशन करके इस बीमारी को ठीक कर दिया जाएगा।
लिहाजा इस साठ वर्षीय बुजुर्ग को उसका बेटा एक बार वापस घर ले आया और सादुलशहर के डॉक्टर महेश गुप्ता को रिपोर्ट दिखाई तो डॉक्टर महेश गुप्ता ने उसे बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल जाने की सलाह दी। जब वह बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल से संबधित आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर सेंटर में गया तो वहां डॉक्टरों ने तीन बार जांच करवाई, लेकिन तीनों बार जांच रिपोर्ट में कैंसर नहीं पाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे दवा देकर घर वापस भेज दिया।
पूरे मामले में भोले भाले मरीजों से झूठी रिपोर्ट बना कर रुपए ऐठने का मामला सामने आ रहा है। बुजुर्ग के परिजनों ने बताया कि जब श्रीगंगानगर में उन्हें कैंसर होने का बताया गया तो उन्हें बहुत मानसिक परेशानी हुई और उसके बाद बीकानेर भी कई चक्कर लगाने पड़े जिससे उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा है। ऐसे में यह परिवार अब अदालत जाने के लिए सोच रहा है।