बालाघाट में किराना, कपड़ा और दवाई की दुकानों पर बिक रहे हैं धान के बीज

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। बालाघाट जिला प्रदेश का प्रमुख धान उत्पादक जिला है यहां की मुख्य पैदावार धान है इसी फसल पर इस जिले का व्यवसाय निर्भर है विगत 2 वर्षो में अल्प वर्षा के कारण धान की फसल प्रभावित हुई जिसके कारण किसान की माली हालत तंगहाली में गुजरती दिखाई दी। गर्मी के मौसम में धान की पैदावार तो बढ़ी लेकिन किसानों को उसका वाजिब मूल्य नही मिला तो किसान हताश हो गये। 

अबकी बार आने वाली धान की फसल के लिये बाजार में धानबीजों के पैकटों से दुकानें सज गई है केवल कृषि केन्द्र ही नही किराना, कपड़ा और दवाई की दुकानों में भी धान के बीज आकर्षक पैकिंग में वैध लाइसेंस के बिना धडल्ले से बेचे जा रहे है नामचीन बीच उत्पादक कंपनियों के पैकेट में इसी साल हुई धान को फिर से भरकर नया बीज बताकर बेचा जा रहा है कृषि विभाग इन दुकानों की जांच करने के लिये तत्पर नही दिखाई देता चुकि बालाघाट जिला कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन का गृह जिला है हर बड़ा व्यापारी मंत्री से अपने संबंधों का रौब दिखा कर धडल्ले से अमानक स्तर का बीज बेच रहा है। 

बालाघाट जिले के लांजी, बैहर, परसवाडा, बिरसा, आदिवासी बाहूल्य इलाके में जहां का किसान निरक्षर है उन्हें प्रलोभन देकर अमानक स्तर का बीज आसानी से बेचा जा रहा है। बाजार से धान खरीदकर उसे ही बीज बताकर बेचा जा रहा है प्रमाणित बीजों के नाम पर किसानों को बरसों से ठगा जा रहा है बीज निर्माण के लिये सरकार के बनाये हुये नियम इतने लाचिले है कि कोई भी आदमी बीज निर्माता बनकर किसानों के साथ ठगी करना शुरू कर देता है एक या दो ब्रांड के नाम पर बीज का प्रमाणिकरण करवाकर अनेक नामों से कई किस्मों की धान बाजार में बेचने के लिये उतार दी गई है बीज निर्माता इन बिचौले व्यापारीयों के माध्यम से अमानक बीज बेचकर किसान का गला काट रहा है।

यह उल्लेखनीय है कि बाजार में इन दिनों जो बीज बेचे जा रहे है उनका अंकूरण कैसा होगा इसके लिये किसान को 3 महिने का इंतजार करना होगा। तब तक किसान की किस्मत का फैसला हो जायेगा। तब पता चलेगा की किसान ने जो बीज खरीदा था वह नकली था।

तत्कालीन कलेक्टर व्ही किरण गोपाल के कार्यकाल में इसी तरह की लिखित शिकायत महाराष्ट की अमानक बीज निर्माता कंपनी के विरूद्ध की गई थी जिसकी जांच पश्चात जिले के 50 से अधिक बीज व्यापारियों के लाइंसेंस खारिज कर दिये गये तथा उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिये गये लेकिन मंत्री के दबाव के कारण उन व्यापारियों के लाइसेंस अपील के माध्यम से फिर से बहाल कर दिये गये।

इस तरह किसानों केसाथ धोखाधडी करने वाले अमानक बीज विक्रेताओं को इसी जिले में खुला सरंक्षण मिला हुआ है इस विसंगतियों के चलते ऐसी अनेक अमानक बीज निर्माता कंपनीयां जिन्हें प्रदेश में धान बीज बिक्री की अनुमति हासिल नही है अपना बीज बेच कर किसानों को लूटने में लगी है। कृषि मंत्री के गृह जिले में यह हाल है तो और प्रदेश में अमानक बीज बेचने वालों की बल्ले बल्ले चल रही है। इस पर कैसे अंकुश लगेगा।

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