सागर। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवरी में चार दिन के नवजात बच्चे की इलाज के अभाव में रविवार को मौत हो गई। ड्यूटी पर तैनात डॉ. संदीप गौतम काफी इंतजार के बाद भी अस्पताल नहीं आये जबकि बीएमओ एमके जैन भी अपनी रात की ड्यूटी करने के बाद चले गये। बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब यहां ऐसा हुआ है। आए दिन डॉक्टर अपनी ड्यूटी के वक्त अस्पताल से गायब रहते हैं। लापरवाहियों और अनियमितताओं के मामले उजागर होने के बाद भी ठोस कार्रवाई के अभाव में यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
इस मामले में एसडीएम साकेत मालवीय ने पत्रकारों से बात करते हुए स्वीकार किया कि ड्यूटी पर डॉक्टर का न होना लापरवाही है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
देवरी नगर के लक्ष्मीवार्ड निवासी पीड़ित राजेश चौरसिया ने बताया कि वे अपने चार दिन बच्चे को तबीयत खराब होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे थे लेकिन वहां कोई डॉक्टर नहीं था। ओपीडी सेंटर पर कार्यरत कर्मचारी ने बताया कि डॉ. संदीप गौतम की ड्यूटी है। डॉक्टर को जब फोन किया गया तो उनका फोन भी नहीं लगा। वहीं रात की ड्यूटी करके बीएमओ एमके जैन भी चले गये।
पीड़ित राजेश चौरसिया के मुताबिक डॉक्टर न होने पर वे निजी अस्पताल में बच्चे को ले गये लेकिन उन्होंने सरकारी अस्पताल जाने की सलाह दी। परिजन बच्चे को लेकर फिर से सरकारी अस्पताल पहुंचे जहां अभी भी डॉक्टर नहीं आया था। इमरजेंसी में डॉ. अर्चनाशरण को बुलाया गया लेकिन उनके आने से पहले ही नवजात ने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने डॉक्टर संदीप गौतम के खिलाफ शिकायत पुलिस थाने में दर्ज की है।