
एक और अतिथि शिक्षक की मृत्यु
सतना जिले के कच्छीवारा गाँव के विद्यालय में कार्यरत अतिथि शिक्षक पुष्पराज सिंह पिता गजराज सिंह की मौत हो गई। ज्ञातव्य है की गर्मी की छुट्टियों में अतिथि शिक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया जाता है, छुट्टियों में उन्हें किसी भी प्रकार का मानदेय नहीं दिया जाता जिससे गर्मियों में अपने परिवार भरण-पोषण के लिए मजदूरी तक करना पड़ जाता है। ऐसी ही स्थिति में पुष्पराज सिंह मिटटी की खदान में मिटटी खोदने गया हुआ था, जहाँ पर मिट्टी धसकने से उसकी मृत्यु हो गई।
स्थानीय जवाहर नगर मैदान में सभा का आयोजन किया गया जिसमे सर्वप्रथम अतिथि शिक्षकों द्वारा दो मिनट का मौन रखकर मृत अतिथि शिक्षक को श्रद्धांजलि दी गई। तत्पश्चात इंद्रपाल पटेल द्वारा सभा का सम्बोधन किया गया जिसमे उन्होंने कहा की हमारी ये लड़ाई अधिकार प्राप्त होने तक अनवरत रहेगी जब शिक्षकों को गुरूजी की तरह संविदा शाला शिक्षक नहीं बना दिया जाता तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। तत्पश्चात कलेक्टर कार्यालय जाकर मुख्यमंत्री महोदय के नाम अपनी मांगों से सम्बंधित ज्ञापन दिया।
ये हैं मांगें
प्रदेश के सभी अतिथि शिक्षकों को गुरूजी संविदा शाला शिक्षक बनाया जाए।
2- अतिथि शिक्षकों को आयु 12 वर्षों की छूट प्रदान की जाय
3 - जिन पदों पर अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं उन्हें भरा हुआ माना जाय
ये रहे उपस्थित
आर एस दहायत ,महेंद्र सिंह , मूरत सिंह, संदीप सिंह, सुमित्रा साहू रामटहल रजक ,सुरेन्द्र सिंह, राम सिंह जयप्रकाश साकेत , रणविजय सिंह,मनोरमा मिश्रा , आशीष प्रजापति ,नीलेश मिश्र {पोंड़ी },राधे यादव ,मनोज श्रीवास्तव ,अम्ब्रीश गौतम, राजमन प्रजापति , रामविहारी लोनी ,रामदत्त द्विवेदी, अरुण तिवारी , रामनरेश कुशवाहा ,लवकुश साकेत , कल्यान सिंह ,देविसिन प्रजापति ,बालेंद्र सिंह ,रामपाल सिंह , अवधेश द्विवेदी एवं सैकड़ों अतिथि शिक्षक रहे।