साहित्यकार मुद्राराक्षस नहीं रहे

लखनऊ। चर्चित साहित्यकार मुद्राराक्षस का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। सोमवार को दिन में उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। उनके बेटे रोमी और परिवार के बाकी लोग उन्हें किंग जार्ज मेडिकल यूनीवर्सिटी (केजीएमयू) लेकर जाने लगे तो रास्ते में ही लगभग दो बजे निधन हो गया। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। दुर्विजयगंज आवास पर लोगों का तांता लगा रहा।

मुद्राराक्षस का नाम सुहास वर्मा था। उनका जन्म 21 जून,1933 में लखनऊ के पास बेहटा गांव में हुआ था। परिवारीजन के मुताबिक उनकी तबीयत पिछले कुछ दिनों से काफी खराब चल रही थी उन्हें मधुमेह की बीमारी थी साथ ही सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मुद्राराक्षस ने 1950 के आसपास से लिखना शुरू किया था। कहानी, उपन्यास, कविता, आलोचना, पत्रकारिता, संपादन, नाट्य लेखन, मंचन, निर्देशन जैसी विधाओं में सृजन किया।

आला अफसर, शांति भंग, हम सब मंसाराम, तेंदुआ, तिलचट्टा, मरजीवा, कालातीत, दंडविधान, नारकीय, हस्तक्षेप जैसी अनगिनत कृतियों की उन्होंने रचना की है। मुद्राराक्षस ने तमाम प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं का लम्बे समय तक संपादन भी किया है। उनकी किताबों का अंग्रेजी समेत दूसरी भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है। उन्हें साहित्य नाटक अकादमी जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया भी गया था।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!