
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चीन से वापस आते ही उपलोकायुक्त के नाम पर मुहर लग जाएगी। एसीएस रैंक के एक अफसर हाईकोर्ट के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के सम्पर्क में हैं। उन्हें यह जिम्मेदारी सीएस ने सौंपी है। फिलहाल जस्टिस केके त्रिवेदी को उपलोकायुक्त बनाया जाने की चर्चा चल रही है। उपलोकायुक्त बनने की दौड़ में मध्य प्रदेश पुलिस के मुखिया रह चुके नंदन दुबे का नाम भी शामिल माना जा रहा है। सूत्रों की मानी जाए तो सरकार ने करीब डेढ़ साल पहले उनसे संपर्क भी किया था, लेकिन उस वक्त उनके आदेश जारी नहीं हो सके। यदि किसी जस्टिस से बात नहीं बनी तो नंदन दुबे का उपलोकायुक्त बनना तय है।
सवा दो साल से खाली है पद
उपलोकायुक्त का पद सवा दो साल से खाली पड़ा हुआ है। मार्च 2014 तक इस पर पद जस्टिस चंद्रेश भूषण पदस्थ थे। उनके रिटायर होने के बाद से इस पद पर कोई नियुक्ति नहीं हो सकी। इस बीच सरकार ने उपलोकायुक्त की गाड़ी में लगने वाली लाल बत्ती का अधिकार भी छीन लिया है।
कई न्यायाधीश कर चुके हैं इंकार
प्रदेश सरकार लोकायुक्त का पद संभालने के लिए कई न्यायाधीशों से संपर्क कर चुकी है, लेकिन अधिंकाश जजों ने अपनी सेवाएं देने से इंकार कर दिया है। इसके चलते बार-बार जस्टिस नावलेकर को सेवा विस्तार दिया जा रहा था। सरकार ने एक बार फिर प्रयास शुरू किए हैं और कई न्यायाधीशों से संपर्क किया जा रहा है।