विकास तिवारी/भोपाल। पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए गृह विभाग पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के जरिए प्रदेश के सभी जिलों में 25 हजार आवास बनवाना चाहता है लेकिन वित्त विभाग ने इसमें यह कहते हुए पेंच लगा दिया है कि राज्य के जीडीपी में कमी आ रही है और दस हजार करोड़ के राजस्व वसूली में इस बार कमी हो रही है लिहाजा पुलिस कर्मियों के लिए आवास बनाया जाना फिलहाल संभव नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में इस समय एक लाख पंद्रह हजार से अधिक पुलिसकर्मी काम कर रहे है। लेकिन इनमें से केवल चालीस हजार पुलिसकर्मियों के लिए ही सरकारी आवास उपलब्ध है। मैदानी पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और आरक्षक स्तर के कर्मचारियों के सामने आवासों की कमी के चलते निजी किराए के आवासों में रहने की मजबूरी है। इन कर्मचारियों का रात-दिन वास्ता खूंखार अपराधियों से होता है।
ऐसे में सरकारी मकान एक स्थान पर रहने से इनके परिवारों को भी पर्याप्त सुरक्षा मिलती है लेकिन निजी किराए के आवासों में रहने पर इन पुलिसकर्मियों को अपने परिवारों की भी चिंता सताती रहती है।