
बताते हैं कि त्रावणकोर के राजा ने इस अजीबोगरीब टैक्स को लागू कराया था। शुरुआत में कुछ महिलाओं ने इसका विरोध किया लेकिन बाद में सभी निचली जाति की महिलाओं को टैक्स के दायरे में आना पड़ा था।
राजा इस नियम का उल्लंघन करने वाली महिलाओं को सजा भी देता था। जो भी महिला इस नियम को नजरांदाज करती थी, उसके स्तनों को काट दिया जाता था। हालांकि, कुछ सालों बाद नांगेली नामक महिला द्वारा इस नियम का विरोध किए जाने के बाद इसे बंद कर दिया गया था।