नईदिल्ली। यूपी के मथुरा में हुए खूनी संघर्ष के पीछे जवाहर बाग की 250 एकड़ जमीन है जिस पर रामवृक्ष यादव ने कब्जा किया हुआ है। आप जानकर चौंक जाएंगे कि रामवृक्ष यादव इस जमीन पर मात्र 2 दिन की अनुमति लेकर धरना देने आया था, उसके बाद वो यहां से गया ही नहीं। 250 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया और प्रदर्शन के नाम पर 5000 लोगों का गुट बना लिया। इसमें कई शातिर और फरारी बदमाश भी शामिल हैं। पिछले 2 सालों में पुलिस या प्रशासन का जो भी अधिकारी वहां पहुंचा। उसे धमकाकर या मारपीटकर भगा दिया गया।शुरू से पढ़िए बाबा रामवृक्ष यादव की कहानी
जयगुरुदेव के निधन के बाद विरासत के लिए तीन गुटों में टकराव हुआ। पंकज यादव और उमाकांत तिवारी के बीच टकराव हुआ और पंकज यादव उत्तराधिकारी बना। 17 जून 2011 को तीसरे गुट रामवृक्ष यादव ने बाबा जयगुरुदेव आश्रम में हमला कर दिया। इसके बाद उसे यहां से वापस जाना पड़ा। इसके बाद उसने जयगुरुदेव का मृत्यु प्रमाण पत्र की मांग की। वह धरना प्रदर्शन करता रहा। साल 2014 में उसने जवाहर बाग में जिला प्रशासन से दो दिन के धरना की परमिशन मांगी। इसके बाद वह जवाहरबाग में दो साल तक 5 हजार लोगों के साथ डट गया। शुरु में यहां पर झोपड़ियां बनीं, इसके बाद धीरे-धीरे 270 एकड़ में अपनी सत्ता चलाने लगा। वह इतना ताकतवर हो गया कि प्रशासन भी उसका कुछ नहीं कर पा रहा था।
एलआईयू के अधिकारी को बनाया था बंधक
पिछले महीने जब एलआईयू का अधिकारी अंदर जांच करने गया, तो उसे बंधक बना लिया गया था। पुलिस ने किसी तरह उसे छुड़ाया। पिछले दो महीने से प्रशासन इस जमीन को खाली करवाने की कोशिश करने लगा। हाईकोर्ट ने भी प्रशासन को जवाहरबाग खाली करने का आदेश दिया। इस दौरान उसने शूटरों और अपराधियों को अपने कैंप में रखने लगा। हैंड ग्रेनेड, हथगोला, रायफल, कट्टे, कारतूस छिपाकर जुटाए गए थे। गुरुवार को पुलिस ने जवाहरबाग के पीछे की दीवार हटा दी और ऐलान करवा दिया कि जिन्हें जाना है, वे इस रास्ते से जा सकते हैं। करीब दो हजार लोग यहां से चले गए। गुरुवार को तीन हजार लोग यहां पर जमे हुए थे। गुरुवार की शाम को जवाहरबाग के मेन गेट के पास की दीवार तोड़ी गई, ताकि अगले दिन पूरे जगह को खाली करवाया जा सके। इसी दौरान रामवृक्ष यादव के शूटरों ने पेड़ पर चढ़कर पुलिस पर फायरिंग कर दी। एसओ और एएसपी सिटी के सिर में गोली लगी। दोनों की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की, जिसमें 19 लोग मारे गए और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस दौरान उसने जवाहरबाग में रसोई गैस सिलेंडर मदद से आग की तबाही मचा दी। एडीजी दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि रामवृक्ष यादव ही पुलिस पर हमले का नेतृत्व कर रहा था।
- रामवृक्ष यादव के मुकदमों की लिस्ट
- 17 जून 2011 को बाबा जयगुरुदेव आश्रम निवासी रवि, सुरेशचंद्र पर कथित सत्याग्रहियों का हमला।
- 7 जून 14 को जिला उद्यान अधिकारी मुकेश कुमार ने सरकारी संपत्ति को कब्जा करने, क्षति पहुंचाने और विरोध करने पर गाली-गलौच कर धमकी देने की रिपोर्ट 250 कथित सत्याग्रहियों के खिलाफ थाना सदर बाजार में दर्ज।
- 15 जून 14 को ठेकेदार जयप्रकाश ने पेड़ों फल तोड़ने, काटने और जान से मारने की धमकी दिए जाने की रिपोर्ट थाना सदर बाजार में।
- 24 सितंबर 14 को जिला उद्यान अधिकारी मुकेश कुमार ने सरकारी संपत्ति को कब्जा करने, क्षति पहुंचाने और विरोध करने पर गाली-गलौज कर धमकी देने के रिपोर्ट कथित सत्याग्रहियों के खिलाफ थाना सदर बाजार में दर्ज।
- 2 अक्टूबर 2013 को जवाहर बाग संरक्षण अधिकारी किशन सिंह ने गाली-गलौच करके सरकारी काम में बाधा डालना और सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने की रामवृक्ष समेत उनके समर्थकों के खिलाफ थाना सदर बाजार में दर्ज कराया था।
- 29 नवंबर 2014 को जिला उद्यान अधिकारी मुकेश कुमार ने सरकारी संपत्ति को कब्जा करने, क्षति पहुंचाने और विरोध करने पर गाली-गलौज कर धमकी देने के रपोर्ट कथित सत्याग्रहियों के खिलाफ थाना सदर बाजार में दर्ज कराई।
- 22 जनवरी 15 को थानाध्यक्ष प्रदीप कुमार पांडेय ने सरकारी काम में बाधा डालने, सरकारी संपत्ति को कब्जा करने, क्षति पहुंचाने और विरोध करने पर गाली-गलौज कर धमकी देने के रिपोर्ट कथित सत्याग्रहियों के खिलाफ थाना सदर बाजार में दर्ज।
- 15 जून 2015 को सहायक उद्यान निरीक्षक जवाहर बाग रामस्वरूप शर्मा ने बलवा करने, गाली-गलौज करने, सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने और धमकी देने की बात कही थी।