लोकायुक्त का छापा बोगस था: उपयंत्री बेदाग निकला

Bhopal Samachar
ग्वालियर। लोकायुक्त पुलिस का एक और छापा बोगस निकला। 21 मार्च 2014 को लोकायुक्त ने जिस उपयंत्री को काली कमाई का कुबेर घोषित किया था, उसके पास आय से अधिक चवन्नी भी नहीं निकली। इससे पहले 6 अन्य मामलों में भी लोकायुक्त की छापामारी बागस निकली थी। उनमें भी लोकायुक्त को खात्मा पेश करना पड़ा। ऐसे तमाम मामले लोकायुक्त की साख पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। 

उपयंत्री आनंद कुमार जैन के खिलाफ 22 अगस्त 2013 को लोकायुक्त को गुप्त शिकायत प्राप्त हुई थी। इसकी पुष्टि के लिए पहले जांच की गई। लोकायुक्त की गोपनीय जांच में आय से अधिक संपत्ति की पुष्टि होने पर 20 मार्च 2014 को भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया और विशेष कोर्ट से घर पर छापा मारने की अनुमति ली गई। 

21 मार्च 2014 को विशेष स्थापना पुलिस की टीमों ने श्री जैन के घर व ट्रांसपोर्ट नगर में छापा मारा। उस वक्त करोड़ों रुपए की संपत्ति का खुलासा किया। अखबारों ने लोकायुक्त पर भरोसा कर उपयंत्री को भ्रष्ट अफसर करार दिया। लेकिन छापे के बाद जांच जो की गई उसमें तस्वीर ही बदल गई। आनंद कुमार जैन की आय 1 करोड़ 96 लाख 14 हजार रुपए हुई। उन्होंने 1 करोड़ 45 लाख 98 हजार 27 रुपए खर्च किया। आय व व्यय में 50 लाख का अंतर है। आय अधिक है और खर्च कम होने पर आय से अधिक संपत्ति का मामला नहीं बनता है। मजबूरन लोकायुक्त को खात्मा रिपोर्ट पेश कर दी।
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