
मेरठ स्टेशन में उनकी अगवानी के लिए नेता-अफसर फूल-माला लेकर खड़े थे, लेकिन जैसे ही ट्रेन की रफ्तार कम हुई, प्रभु चलती ट्रेन से ही उतर गए और मंच की ओर अकेले ही चल दिए। बाकी नेता-अफसर कोच की तरफ ढूंढते रहे। इतनी देर में प्रभु मंच तक पहुंच चुके थे। ऐसे में स्वागताकांक्षी स्टेशन छोड़ मंच की ओर लपके और वहीं पर फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत किया।
याद दिला दें कि चलती ट्रेन से उतरना अपनी जान जोखिम में डालने के बराबर माना जाता है। रेल विभाग लगातार चेतावनी जारी करता है कि ट्रेन के पूरी तरह रुकने के बाद ही यात्री ट्रेन से नीचे उतरें। चलती ट्रेन से उतरने की जल्दबाजी में अब तक कई हादसे हो चुके हैं।