
पीड़िता के भाई सुरेन्द्र अहिरवार ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पिछली 25 जून को आयुर्वेद अस्पताल के डॉक्टर सरमनप्रसाद वर्मा ने इलाज के बहाने उनकी बहन के साथ अशलील हरकत की थी। इस घटना के बाद उन्होंने अपने भाई महेन्द्र अहिरवार के साथ मिलकर अस्पताल परिसर में डॉक्टर की पिटाई कर दी।
हमले से बचने के लिए डॉक्टर ने डायल 100 को फोन कर दिया। पुलिस दोनों पक्षों को हबीबगंज थाने ले गई। हबीबगंज थाने के टीआई रविन्द्र यादव ने डॉक्टर वर्मा का पक्ष लेते हुए उन्हें एवं भाई-बहन को हवालात में बंद कर दिया और एफआईआर भी दर्ज कर दी, जबकि डॉक्टर को छोड़ दिया।
सुरेन्द्र अहिरवार का कहना है कि इस दौरान टीआई रविन्द्र यादव ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि वह डॉक्टर वर्मा को अच्छे से जानते हैं, डॉक्टर वर्मा ऐसी कोई हरकत नहीं कर सकते। इस घटना के बाद जब वह अपनी बहन को लेकर महिला थाने जहांगीराबाद पहुंचे तो महिला पुलिस स्टॉफ ने उन्हें वापस करते हुए कहा कि हबीबगंज पुलिस ने कहा है कि आपके खिलाफ हबीबगंज थाने में एफआईआर दर्ज है, आपकी रिपोर्ट नहीं लिखी जा सकती।
सुरेन्द्र अहिरवार का कहना है कि थानों के चक्कर काटने के बाद उन्होंने जनसुनवाई में इस मामले की शिकायत की। शिकायत दर्ज कराने के उपरांत उन्हें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अरुणा मोहन राव से आश्वासन मिला कि इस मामले की जांच की जाएगी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सुरेन्द्र अहिरवार का कहना है कि इस घटना के मुख्य आरोपी डॉ. सरमनप्रसाद वर्मा ने उन्हें एक लीगल नोटिस भेजा है जिसमें कहा गया है कि प्रकरण वापस ले लो और किसी से कोई शिकायत मत करो, अन्यथा बीस लाख रुपए की मानहानि का दावा ठोक दूंगा। सुरेन्द्र अहिरवार ने अपनी बहन पर हुए अत्याचार का हवाला देते हुए कहा कि राजधानी में एक महिला के साथ हुई शर्मनाक घटना के बाद भी पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। उनकी बहन न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपनी बहन को उचित न्याय दिलाने की मांग की है।