
कमेटी की उक्त फीस से कॉलेज यदि संतुष्ट नहीं होते हैं तो वे फीस बढ़ोतरी के लिए कमेटी के अपीलीय अधिकारी के पास अपील कर सकते हैं। कमेटी इंजीनियरिंग और एमबीए कॉलेजों की सुनवाई पूरी कर चुकी है और 21 जून को बैठक पूर्ण कर फीस की घोषणा करेगी। इसके बाद कमेटी नर्सिंग और मेडिकल कॉलेजों की सुनवाई पूरी करेगा। इधर प्रदेश के 28 कॉलेजों में से 20 कॉलेजों को सालाना तीस हजार रुपए की फीस मिली है। जबकि पांच कॉलेजों को 35 हजार रुपए सालाना फीस जमा कराने अधिकार होगा।
गौरतलब है कि कॉलेजों ने कमेटी से करीब सवा लाख रुपए तक की फीस प्रति वर्ष के हिसाब से मांगी है, जबकि मेडिकल ने दस लाख रुपए तक फीस की मांग की है। अब कमेटी आवेदनों और गत वर्ष की बैलेंस सीट को देख व कॉलेजों की पिछली गतिविधियों को देख फीस निर्धारित करेगी। पिछली बार भी कॉलेजों ने एक-एक लाख रुपए फीस की मांग की थी, लेकिन उन्हें पचास से साठ हजार की फीस में संतोष करना पड़ा था।