भोपाल: झुग्गी वाली 9 साल की मुस्कान वुमन ट्रांसफार्मिंग इंडिया की लिस्ट में

भोपाल। मुस्कान जैसा नाम वैसा काम...महज नौ साल की उम्र में मुस्कान ने ऐसा काम कर दिखाया है। जो दूसरों के लिए मिसाल है। सुविधाओं से दूर झुग्गी बस्ती में रहने वाली ये लड़की आज आम नहीं बल्कि किसी सेलिब्रिटी की तरह जानी जा रही है। हर किसी की जुबां पर मुस्कान का नाम है। जी हां चौथी कक्षा में पढ़ने वाली नौ साल की इस बच्ची ने बाल लाइब्रेरी संचालित कर वुमन ट्रांसफार्मिंग इंडिया की लिस्ट में अपना नाम शुमार किया है।

चौथी कक्षा में पढ़ने वाली मुस्कान ने बाल लाइब्रेरी संचालित कर न सिर्फ अपनी बस्ती के बच्चों को नई राह दिखायी है बल्कि वुमन ट्रांसफार्मिंग इंडिया की लिस्ट में टॅाप -25 लोगों में शामिल होकर नया मुकाम हासिल किया है। इस लिस्ट में उन महिलाओं के नाम शुमार है जिन महिलाओं ने अलग-अलग क्षेत्रो में मिसाल कायम की है। इस सूची में शामिल मुस्कान सबसे कम उम्र की लड़की के रूप में शामिल है। 

मुस्कान ने 26 जनवरी 2016 से एक ऐसी शुरूआत की है। जो झुग्गी बस्ती में रहने वाले गरीब बच्चों के जीवन में बदलाव की बयार ला रही है। मुस्कान की बाल लाइब्रेरी में बच्चों को पढ़ने के लिए किताबें मिलती है। साथ ही अगर कोई बच्चा पढ़ने में कमजोर है तो मुस्कान उसको पढ़ना भी सिखाती है। 

मुस्कान की इस पहल में राज्य शिक्षा केंद्र सहित कई सामाजिक संगठन और कार्पोरेट कंपनिया भी साथ देने आगे आयी है। राज्य शिक्षा केंद्र ने जहां मुस्कान की बाल लाइब्रेरी के लिए पुस्तकों के इंतजाम का बीड़ा उठाया है, तो कई और समाजसेवी संगठन मुस्कान की लाइब्रेरी में किताबों की संख्या बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। मुस्कान को इंतजार है कि कब उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का मौका मिले और वो बताए कि कैसे बाल लाइब्रेरी के जरिए झुग्गी बस्तियों के बच्चों के जीवन में बदलाव लाया जा सकता है। 

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