सुबह 6.45 पर मोदी दिल्ली उतरे, 9 बजे आॅफिस में थे

नईदिल्ली। चौंसठ साल के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुस्ती-फुर्ती ने साथ काम करने वाले अधिकारियों के पसीने निकाल रखे हैं। अपने मैराथन पांच दिवसीय विदेश यात्रा के आखिरी पड़ाव मैक्सिको से 21 घंटे की लगातार यात्रा कर मोदी शुक्रवार सुबह 6.45 पर दिल्ली पहुंचे। नौ बजे वह अपने रोजाना मीटिंग के लिए हाजिर थे। उनके साथ गए  डेलीगेशन के एक अधिकारी ने थकान पर पूछे गए सवाल को टालते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी शायद विश्व  के एक मात्र प्रधानमंत्री हैं जिन्हें जेट लैग नहीं होता।

अधिकारी के मुताबिक यह प्रधानमंत्री की ही राय थी कि अलग अलग टाइम जोन के पांच देशों की यात्रा के दौरान दिन में काम करेंगे और रात को सफर। तभी करीब 140 घंटे में अफगानिस्तान, कतर, स्वीटजरलैंड, अमेरिका और  मैक्सिको की करीब 33000 किलोमीटर की यात्रा संभव हो पाई। इस दौरान मोदी ने 45 से ज्यादा मीटिंग की और करीब 44 घंटे सफर में बिताए। ज्यादातर सफर रात में की  गई। अधिकारी ने बताया कि मोदी की जिद थी कि अमेरिका को छोड़ सभी देशों के साथ इंगेजमेंट दिन में  रखे जाएं ताकि रात में यात्रा कर समय की बचत हो सके। अधिकारी के मुताबिक स्वीटजरलैंड, अफगानिस्तान और मैक्सिको में तो डेलीगेशन के लोगों ने अपने सामान भी जहाज से नहीं उतारे।

इस यात्रा के दौरान मोदी सबसे ज्यादा 48 घंटे का वक्त अमेरिका में बिताया जहां 16 आयोजन थे। इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात, यूएस  कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधन, अमेरिकी व्यवसाइयों से मुलाकात और थिंग टैंक के साथ बैठक शामिल है। सबसे छोटी यात्रा मैक्सिको की रही जहां मोदी ने एनएसजी पर अहम बातचीत की, वहां के राष्ट्रपति के साथ गाड़ी में जाकर भोजन किया और वापस अपने विमान में बैठ गए। अधिकारी ने बताया कि काम के प्रति  मोदी की अपनी अलग मानसिक संरचना है। उनके शारीरिक चुस्ती की  वजह शायद उनका सादा खानपान और रोज किया जाने वाला योगाभ्यास है।

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